Harsha Richhariya Latest News: गले में रुद्राक्ष और फूलों की माला, माथे पर तिलक और साध्वी के कपड़ों में संगम नगरी में घूम रहीं हर्षा रिछारिया (Harsha Richhariya) इन दिनो सुर्खियों में हैं. आइए जानते हैं विवादों में रहने वाली साध्वी के माता-पिता क्या कहते हैं.
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Harsha Richhariya Latest News: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 जब से शुरू हुआ है, तभी से सुंदर साध्वी के नाम से हर्षा रिछारिया (Harsha Ricchariya News) खूब चर्चाओं में हैं. खूबसूरत तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग उनके बारे में जानना चाह रहे हैं. जी मीडिया के साथ बातचीत में हर्षा के माता-पिता ने हाल ही में एक इंटरव्यू में उनकी जिंदगी के अनछुए पहलुओं को शेयर किया है. हर्षा के कंडक्टर का काम करते हैं और उनकी मां सिलाई और घरेलू काम काम करती हैं.
कौन हैं हर्षा रिछारिया
मूल रूप से एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली हर्षा रिछारिया ने बीबीए की पढ़ाई की है और एंकरिंग का कोर्स भी किया है. 31 साल की हर्षा रिछारिया उत्तराखंड से हैं. उनका मूल घर मध्य प्रदेश के भोपाल में हैं. वह आचार्य महामंडलेश्वर की शिष्या हैं. महाकुंभ में वह निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हुई हैं. अपने इंस्टाग्राम पेज पर हर्षा ने खुद को एंकर, मेकअप आर्टिस्ट, सोशल एक्टिविस्ट, सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर और ट्रैवल ब्लॉगर बताया है.
हर्षा की किससे होगी शादी-पिता ने बताया
पिता ने बताया कि उन्होंने हर्षा के लिए दो लड़के देखे हैं. वह जल्द ही हर्षा की शादी तय करेंगे. उन्होंने लोगों से अपील की कि हर्षा को साध्वी कहकर ट्रोल करना बंद करें क्योंकि उन्होंने संन्यास नहीं लिया है, बल्कि केवल गुरु दीक्षा ली है. हम उनकी विधि विधान के साथ शादी भी करेंगे. हर्षा ने सिर्फ महामंडलेश्वर से गुरु दीक्षा ली है. उन्होंने बताया कि हर्षा शुरू से ही भगवान शिव की पूजा करती हैं. इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने उत्तराखंड के ऋषिकेश में समय बिताना शुरू किया और समाज सेवा के लिए एक एनजीओ भी बनाया. पिता ने बताया कि उनकी बेटी अब समाज सेवा के लिए काम करेंगी.
मां ने कहा, ऐसी बेटी भगवान सबको दे
हर्षा की मां किरण रिछारिया घर से बुटीक चलाती हैं. मां ने कहा कि हर्षा के भक्ति भाव के रूप को देखकर हम खुश हैं. इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि बेटी ने नाम रोशन किया है. मां ने कहा कि उनकी बेटी घर का सारा काम करती है, भगवान ऐसी बेटी सबको दे.उन्होंने कहा कि हर्षा का झुकाव बचपन से ही धर्म और आध्यात्म की ओर था. हर्षा ने 3 साल पहले केदारनाथ की यात्रा के दौरान अपने जीवन को बदलने की इच्छा जताई थी.