Mahakumbh 2025 Revenue: अपनी जड़ों से जुड़ने की चाहत, कुंभ के बाद UP के इन तीर्थों पर भी उमड़ रहे श्रद्धालु; रोजगार बढ़ने से खिले लोगों के चेहरे
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Mahakumbh 2025 Revenue: अपनी जड़ों से जुड़ने की चाहत, कुंभ के बाद UP के इन तीर्थों पर भी उमड़ रहे श्रद्धालु; रोजगार बढ़ने से खिले लोगों के चेहरे

Revenue from Mahakumbh 2025: यूपी के प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ में लाखों लोग रोजाना डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. प्रयागराज से निकलकर वे श्रद्धालु दूसरे तीर्थ धामों पर भी जा रहे हैं, जिससे यूपी सरकार को जमकर रेवेन्यू मिल रहा है.

Mahakumbh 2025 Revenue: अपनी जड़ों से जुड़ने की चाहत, कुंभ के बाद UP के इन तीर्थों पर भी उमड़ रहे श्रद्धालु; रोजगार बढ़ने से खिले लोगों के चेहरे

Revenue from Prayagraj Mahakumbh 2025: देशभर दुनिया से लाखों लोग महाकुंभ में आ रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि ये श्रद्धालु सिर्फ महाकुंभ से अपने घर जा रहे हैं बल्कि ये लोग प्रयागराज के आसपास अयोध्या, काशी और चित्रकूट से लेकर गोरखपुर धाम में भी दर्शन करने पहुंच रहे हैं. महाकुंभ के चलते धार्मिक स्थलों में अचानक भक्तों का उमड़ता सैलाब पूरे यूपी का बेड़ा पार लगाने वाला है. आइए इस बारे में आपको विस्तार में रिपोर्ट बताते हैं. 

ये सनातनी आस्था का सैलाब है. ये भक्ति की शक्ति का प्रताप है. उत्तरप्रदेश में महाकुंभ के बीच सनातनी आस्था की लहर चल रही है. करोड़ों भक्त संगम में डुबकी लगा चुके हैं. वहीं यूपी के बाकी तीर्थ स्थलों में भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. सनातन का सबसे बड़ा पर्व प्रयागराज में चल रहा है. इसलिए तो कह रहे हैं कि महाकुंभ से पूरे यूपी का बेड़ा पार हो रहा है.

अयोध्या में 10 लाख, काशी में 8 लाख पहुंचे

ये दावा यूं ही नहीं है. सरकारी अधिकारियों के मुताबिक पिछले तीन दिनों में ही करीब 10 लाख श्रद्धालुओं ने अयोध्या में भगवान राम का दर्शन करने पहुंचे. वहीं 7.41 लाख श्रद्धालुओं ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए. पांच लाख श्रद्धालुओं ने मिर्जापुर में विंध्यवासिनी धाम के दर्शन किए और एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने सीतापुर में नैमिषारण्य धाम के दर्शन किए.

प्रयागराज से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर के दायरे में आने वाले अयोध्या, मिर्जापुर, चित्रकूट और वाराणसी के तीर्थ स्थलों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. इनमें ज्यादातर लोग वो हैं जो महाकुंभ में स्नान के बाद इन तीर्थों के दर्शन करने आ रहे हैं. सबसे ज्यादा चर्चा अयोध्या की है, जहां पिछले साल बने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. अब भक्त बड़ी संख्या में रामलला के दर्शन करने जा रहे हैं. इसीलिए राम जी से जुड़ी धार्मिक सामग्रियों की डिमांड सबसे ज्यादा है. यहां तक कि वे काफी दुकानों से आउट ऑफ स्टॉक तक हो गई हैं. 

अयोध्या टू प्रयागराज, आस्था का सैलाब!

अयोध्या के साथ ही काशी में भी भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. मकर संक्रांति के दिन तो गोरखपुर में भी करीब 8 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे. जिससे गोऱखनाथ धाम में पांव रखने की जगह नहीं बची थी. जबकि ये प्रयागराज से करीब ढाई सौ किलोमीटर दूर है. फिर भी देश-दुनिया से आने वाले भक्त प्रयागराज ही नहीं बाकी तीर्थों में माथा टेकने जा रहे हैं. 

प्रयागराज में 6 दिन में 7 करोड़ भक्त

अगर प्रयागराज की बात जाए तो महाकुंभ से ठीक पहले 11 जनवरी को करीब 45 लाख लोगों ने संगम में स्नान किया तो वहीं 12 जनवरी को 65 लाख भक्तों के स्नान करने का रिकॉर्ड दर्ज हुआ.  यानि महाकुंभ से दो दिन पहले ही एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान कर रिकॉर्ड बनाया. इसके बाद महाकुंभ के पहले दिन पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर 1 करोड़ 70 लाख भक्तों ने स्नान कर रिकॉर्ड बनाया तो अगले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति अमृत स्नान के मौके पर साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. 15 जनवरी को 40 लाख और 16 जनवरी को शाम 6 बजे तक 30 लाख भक्तों ने संगम स्नान किया.

यानी प्रयागराज में महज 6 दिन में 7 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई. दूसरे शब्दों में कहें तो सनातनियों ने नया कीर्तिमान रच दिया है. योगी सरकार ने इस महाकुंभ में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया है..जो पूरा होता दिख रहा है. इसका असर यूपी के बाकी तीर्थों पर भी हो रहा है. जहां भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है.

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