Kumbh Mela 2025: महाकुंभ में अनोखे बाबा, सिर पर उगाई फसल, पर्यावरण संरक्षण का दे रहे हैं संदेश
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Kumbh Mela 2025: महाकुंभ में अनोखे बाबा, सिर पर उगाई फसल, पर्यावरण संरक्षण का दे रहे हैं संदेश

Kumbh Mela 2025: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू हो रहा है. ऐसे में मेला क्षेत्र में बाबाओं के अनेकों रंग देखने को मिल रहे हैं. इस बीच, सोनभद्र के अमरजीत उर्फ अनाज वाले बाबा काफी चर्चा में हैं. उन्होंने अपने सिर पर चना, गेहूं की फसल उगाई है.

Kumbh Mela 2025: महाकुंभ में अनोखे बाबा, सिर पर उगाई फसल, पर्यावरण संरक्षण का दे रहे हैं संदेश

Kumbh Mela 2025: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू हो रहा है. ऐसे में मेला क्षेत्र में बाबाओं के अनेकों रंग देखने को मिल रहे हैं. इस बीच, सोनभद्र के अमरजीत उर्फ अनाज वाले बाबा काफी चर्चा में हैं. उन्होंने अपने सिर पर चना, गेहूं की फसल उगाई है.

अनाज वाले बाबा

'अनाज वाले बाबा' पिछले 5 साल से अपने सिर पर कई तरह के अनाज उगा रहे हैं. हठयोग का अभ्यास करने के लिए प्रसिद्ध हैं. इसी वजह से उनका नाम अनाज वाले बाबा रख दिया गया है. वह देश में सुख शांति बनाए रखने के लिए अपने सिर पर ही खेती करते हैं.

विश्व शांति का लिया है संकल्प

अमरजीत उर्फ अनाज वाले बाबा ने बताया कि वह हठयोगी हैं और हठयोगी बनना आसान नहीं हैं. मैंने विश्व शांति और कल्याण का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा, "मैंने अपने सिर पर प्रसाद के लिए खेती की है, जिसका इस्तेमाल पूजा और क्रियाकर्म में किया जाता है. इसके अलावा इनसे खाना भी बनाया जाता है. मैंने अपने सिर पर चना, गेहूं और बाजरा उगाया है."

ऐसे उगाते हैं फसल

बाबा का कहना है, "वह चना, धान और गेहूं भी उगा चुके हैं. ताजा फसल को लगाए कुछ ही दिन गुजरे हैं, जिसे वह करीब ढाई महीने तक उगाकर रखेंगे. मैं समय-समय पर सिर पर पानी डाल कर फसल की ताजगी को बरकरार भी रखता हूं."

चावल देकर देते हैं आशीर्वाद

अमरजीत उर्फ अनाज वाले बाबा अपने पास आने वाले श्रद्धालु को चावल देकर आशीर्वाद देते हैं. मेला क्षेत्र में आ रहे श्रद्धालु भी अनाज वाले बाबा को देख कर हैरान हैं कि आखिर कैसे कोई व्यक्ति अपने सिर पर फसल उगा सकता है.

कुंभ में हो रहा है डिजिटल तकनीक का प्रयोग

संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ का 13 जनवरी से आगाज होगा. इस बार का महाकुंभ दिव्य, भव्य, स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित के साथ-साथ डिजिटल भी होने वाला है. पहली बार महाकुंभ में डिजिटल तकनीक का प्रयोग किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को काफी सुविधाजनक और सुरक्षित अनुभव मिल रहा है.

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