Haridwar News: ऋषिकेश एम्स से 23 मिनट में हरिद्वार जेल पहुंची दवाइयां, ड्रोन के जरिए ऐसे भेजे गए सैंपल
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Haridwar News: ऋषिकेश एम्स से 23 मिनट में हरिद्वार जेल पहुंची दवाइयां, ड्रोन के जरिए ऐसे भेजे गए सैंपल

Haridwar News: हरिद्वार के रोशनाबाद जेल परिसर में ड्रोन के जरिए हेपेटाइटिस की दवाईयां पहुंचाने में सफलता हासिल की है. उनका बल्ड सैंपल किस माध्यम से आया है. 

 

Haldwani News

Haridwar News: ऋषिकेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने ड्रोन के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को बुधवार को हरिद्वार के रोशनाबाद के जेल परिसर में हेपेटाइटिस की दवाईयां पहुंचाने में सफलता हासिल की है. साथ ही वापसी में ड्रोन कुछ कैदियों के ब्लड सैंपल लेकर एम्स लौटा है. एम्स ऋषिकेश की ड्रोन मेडिकल सेवा नियमित तरीके से राज्य के दूर इलाकों तक दवा पहुंचाने का काम कर रही है. संस्थान द्वारा तकनीक आधारित इस मेडिकल सेवा का पहला ट्रायल 2 साल पहले 16 फरवरी 2023 को किया गया था. उस दौरान पहली बार एम्स ने टिहरी के जिला चिकित्सालय में ड्रोन के माध्यम से टी.बी. की दवा पहुंचाई थी.  इसी दौरान संस्थान द्वारा बुधवार को हरिद्वार जेल में कुछ कैदियों के लिए हेपेटाइटिस सी की दवा पहुंचाई गई है. 

कैसे भेजी गई दवाईयां?
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने ड्रोन को सुबह 11 बजे एम्स के हैलीपेड से हरिद्वार के लिए रवाना किया. करीब 28 मिनट बाद ड्रोन हरिद्वार के रोशनाबाद में स्थित जेल परिसर में पहुंचा जहां जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य और फार्मेसिस्टों ने दवाइयां प्राप्त कीं और वापसी में ड्रोन कुछ कैदियों के सैंपल भी लेकर आया है, जिन्हें जांच के लिए AIIMS की VRDL लैबोरेटरी भेजा गया है. इस मौके पर डॉ. अजीत भदौरिया ने कहा कि भारत में हेपेटाइटिस सी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिससे अनुमानित 6-10 मिलियन लोग प्रभावित हैं.

वायरल हेपेटाइटिस के लिए सेवाएं
डॉ. अजीत भदौरिया ने बताया कि इसकी राष्ट्रीय प्रसार दर लगभग 1 प्रतिशत है. इस सार्वजनिक स्वास्थ्य बोझ को कम करने के लिए भारत सरकार ने जुलाई 2018 में राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम (NVHCP) शुरू किया और हम ड्रोन के माध्यम से हेपेटाइटिस सी की दवाईयां एवं सैंपल्स ट्रांसपोर्टेशन में उपयोग कर रहे हैं. इस कार्यक्रम का उद्देश्य वायरल हेपेटाइटिस के लिए व्यापक सेवाएं जैसे कि जांच और उपचार का प्रदान करना है.

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