Bhulai Bhai : गणतंत्र दिवस पर भारत सरकार ने मरणोपरांत श्री नारायण उर्फ भुलई भाई को पद्मश्री पुरस्कार देने का ऐलान किया. इसके बाद उनके पैतृक गांव में खुशी की लहर दौड़ गई.
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प्रमोद कुमार/कुशीनगर : जनसंघ के पुराने कार्यकर्ता और दो बार विधायक रहे श्री नारायण उर्फ भुलई भाई को पद्मश्री पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है. भुलई भाई को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा के बाद कुशीनगर में हर्ष का माहौल है. देश के बड़े पुरस्कारों में से एक पद्मश्री मिलने के बाद भुलई भाई के परिजन फूले नहीं समा रहे हैं. पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा की जानकारी मिलने के बाद डीएम विशाल भारद्वाज भुलई भाई के पैतृक निवास पहुंचे. डीएम ने भुलई भाई के परिजनों को सम्मानित किया.
कौन थे श्री नारायण उर्फ भुलई भाई?
कुशीनगर के कप्तानगंज तहसील के पगार छपरा गांव के रहने वाले श्री नारायण उर्फ भुलई भाई का जन्म 1 नवंबर 1914 को हुआ था. पैतृक गांव में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद गोरखपुर स्थित सेंट एंड्रयूज कॉलेज से हाई स्कूल, इंटर और गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड और एमएड की डिग्री हासिल की. इसके बाद भुलई भाई बेसिक शिक्षा अधिकारी बन गए. बचपन से ही भुलई भाई जनसंघ से प्रभावित थे, जिसके चलते उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ कर राजनीति में आ गए.
जनसंघ से दो बार विधायक चुने गए
श्री नारायण उर्फ भुलई भाई 1974 से 1980 तक कुशीनगर के नौरंगिया क्षेत्र से दो बार विधायक रहे. भुलई भाई जनसंघ से उस वक्त के विधायक रहे जब पूरे देश में केवल दो विधायक जीते थे. राजनीतिक सुचिता और निष्ठा क्या होती है यह भुलई भाई के जीवन से सीखा जा सकता है. पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता और निष्ठा का जीता जगता उदाहरण होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फोन करके भुलई भाई का हालचाल ले चुके हैं.
31 अक्टूबर 2024 को हो गया था निधन
देश के गृह मंत्री अमित शाह से लेकर लगभग सभी बड़े नेताओं ने भुलई भाई से मुलाकात की है और उन्हें सम्मानित भी किया है. 111 वर्ष की उम्र में श्री नारायण उर्फ भुलई भाई की 31अक्टूबर 2024 को निधन हो गया था. भुलई भाई के निधन के बाद सरसंघचालक मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के कई बड़े नेताओं ने शोक संदेश जारी किया था. केंद्र सरकार ने भुलई भाई मरणोपरांत पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की है. इसके बाद लोगों में हर्ष का माहौल है.
रुपयों से भरा बैग सदन में फेंक दिया था
बता दें कि भुलई भाई के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने जीवन पर्यंत कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया. बच्चों को भी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा ही सिखाया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग के लिए उनके पास रुपये भरकर बैग भेजे थे, वह बैग को अगले ही दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंचालक माधव राव सदाशिवराव गोलवकलकर और स्वयंसेवक संघ के संचालक नाना जी देशमुख के पास पहुंच गए थे. दोनों लोगों के कहने पर रुपयों से भरी बैग लेकर सदन में पहुंचे थे और सभापति के सामने गैलरी में फेंक दिया था.
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