Kisan Andolan in Noida: नोएडा अथॉरिटी और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण के बदले किसानों ने जो मांगें रखी हैं, उसने यूपी सरकार की चिंता और बढ़ा दी है. ये गौतमबुद्ध नगर से गाजियाबाद तक नए प्रोजेक्ट को पूरा करने में चुनौती बन सकता है.
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Farmers Protest Latest News in Hindi: नोएडा, ग्रेटर नोएडा से लेकर गाजियाबाद तक उत्तर प्रदेश सरकार कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. इसमें जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, न्यू नोएडा सिटी, गाजियाबाद का हरनंदीपुरम टाउनशिप शामिल है. अगर एनसीआर में आने वाले उत्तर प्रदेश के सारे शहरों की बात करें तो नया आगरा, न्यू मथुरा, अलीगढ़, बुलंदशहर से लेकर हापुड़ तक तमाम बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं. ग्रेटर नोएडा में तो सरकार बड़ा एजुकेशन हब बना रही है, जिसमें विदेशी यूनिवर्सिटी-मेडिकल कॉलेज से लेकर इंडस्ट्रियल पार्क तक शामिल हैं. लेकिन इस बीच नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और यमुना अथॉरिटी की चिंता किसानों की भारीभरकम मांगों ने बढ़ा दी है. किसानों की इन मांगों से बड़े प्रोजेक्ट पर खतरा मंडराने लगा है.
किसानों को पांच फीसदी विकसित प्लॉट देने का वादा प्राधिकरणों ने भूमि अधिग्रहण के बदले किया था, लेकिन 20 फीसदी डेवलप्ड प्लॉट की नई डिमांड आंदोलित किसानों ने रख दी है. संयुक्त किसान मोर्चा की इन मांगों से परियोजनाओं का खर्च दोगुने से भी ज्यादा बढ़ सकता है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा में किसान पिछले दो दिनों से आंदोलन कर रहे हैं.
किसानों की नई मांगें
आंदोलित किसानों ने मांग रखी है कि 1997 से अधिग्रहण की गई सारी जमीन के बदले सभी किसानों को 10 फीसदी अतिरिक्त विकसित भूखंड और 64.70 फीसदी ज्यादा मुआवजे की मांग सबसे चुनौतीपूर्ण है. किसानों ने नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार, 4 गुना मुआवजा भी मांगा है. किसानों की मांगों पर सुनवाई के लिए बनीं उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को भी तुरंत लागू करने की बात इसमें है.
यह जानकारी सामने आई है कि पिछले 27 सालों में जिन किसानों से भूमि अधिग्रहीत की है, उनमें से 16,500 को ही फीसदी भूखंड मिले हैं. जबकि 6,070 किसान अभी भी पांच फीसदी फूखंड के लिए अभी भी चक्कर लगा रहे हैं.
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