तो जनता सबक सिखा देगी... यूपी के एक और मंत्री संजय निषाद के तेवर तल्ख, अपना दल पहले ही बगावत पर उतरा
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तो जनता सबक सिखा देगी... यूपी के एक और मंत्री संजय निषाद के तेवर तल्ख, अपना दल पहले ही बगावत पर उतरा

Sanjay Nishad on BJP: यूपी के मंत्री आशीष पटेल के बगावती तेवर के बाद अब निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष संजय निषाद ने पार्टी पर नाराजगी जाहिर की है. ऐसे में यूपी के सियासी गलियारे में बड़े उलटफेर के संकेत दिखने लगे हैं. 

Sanjay Nishad and Ashish Patel

Sanjay Nishad on BJP: निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष व कैबिनेट मंत्री संजय निषाद का दर्द छलका है. संजय निषाद ने कहा कि भाजपा ना हमें सीट दे रही है ना सिंबल, यही कारण रहा कि लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो सरकार की छवि खराब कर रहे हैं. 

आजमगढ़ में मीडिया से बात करते हुए छलका दर्द 
दरअसल, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के तत्वाधान में 30 नवंबर 2024 को सहारनपुर से निकली संविधानिक अधिकार यात्रा आजमगढ़ पहुंची थी. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री संजय निषाद ने कहा कि यह यात्रा 27 जिलों से होते हुए आज आजमगढ़ पहुंची है. इसका उद्देश्य मछुआ समाज को संविधान में प्राप्त अधिकारों के प्रति जागरूक करना है. ऐसे लोगों से सावधान करना है, जो संविधान के किताब लिए घूम रहे हैं. 

मंत्री आशीष पटेल के बगावती तेवर का समर्थन किया 
प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि मछुआ समाज को अनुसूचित जनजाति के तहत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए उनकी लड़ाई अभी जारी है. समाज को अभी तक आरक्षण का लाभ नहीं मिला है, यही कारण है कि यह समाज 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के साथ चला गया था जिसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ा और उत्तर प्रदेश की 43 लोकसभा सीटों पर हार मिली. कैबिनेट मंत्री आशीष निषाद के बगावती तेवर का डॉ. संजय निषाद ने समर्थन किया. 

सपा ने दरवाजे बंद किए तो बीजेपी के साथ गए 
संजय निषाद ने आगे कहा कि निषाद पार्टी जिसके साथ रहती है मजबूती के साथ खड़ी रहती है. संजय निषाद ने कहा कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना चाह रहे थे, सपा के दरवाजे बंद होने के बाद बीजेपी के साथ आए, लेकिन भाजपा में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. लोकसभा चुनाव के दौरान संत कबीर नगर सीट से प्रवीण निषाद को हराने में बीजेपी के लोगों का हाथ था. उन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मछुआ से उनके विधायक को तोड़कर बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया. मछुआ समाज को सम्मान नहीं मिला हमें ना तो सिंबल दिया जा रहा है और ना ही हमें सीट दी जा रही है. 

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