IAS Ritu Maheshwari: सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार देर रात 31 आईएएस अफसरों का तबादला कर दिया है. इसमें आगरा की मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी को सीएम योगी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
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IAS Ritu Maheshwari: योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर आईएएस अफसरों के तबादले कर दिए हैं. गुरुवार देर रात यूपी के 31 आईएएस अफसरों का ट्रांसफर कर दिया गया. आगरा की मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी का भी ट्रांसफर हो गया है. 2003 बैच की आईएएस रितु माहेश्वरी को चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एव परिवार कल्याण विभाग में सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं, रितु माहेश्वरी की जगह मथुरा के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह को आगरा का मंडलायुक्त बनाया गया है. रितु माहेश्वरी कई जिलों की डीएम रह चुकी हैं. अब बड़ी जिम्मेदारी मिली है.
कौन हैं रितु माहेश्वरी?
जानकारी के मुताबिक, रितु माहेश्वरी का जन्म 14 जुलाई 1978 को पंजाब में हुआ था. वह बिजनेस परिवार से आती हैं. रितु माहेश्वरी ने परिवार का करोड़ों का व्यापार छोड़कर सिविल सेवा एग्जाम की तैयारी की. रितु माहेश्वरी पंजाब में ही पली बढ़ीं हैं. उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. इसके बाद रितु माहेश्वरी ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और साल 2003 बैच की आईएएस बन गईं.
अमरोहा, गाजीपुर और गाजियाबाद में डीएम रहीं
रितु माहेश्वरी के पति मयूर माहेश्वरी भी आईएएस अफसर हैं. रितु माहेश्वरी सीएम योगी की तेज तर्रार अफसरों में से एक हैं. खुद सीएम योगी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं. साथ ही उनकी तारीफ भी की है. रितु माहेश्वरी यूपी के अमरोहा, गाजीपुर, शाहजहांपुर और गाजियाबाद में रह चुकी हैं. वह गाजियाबाद की डीएम और आगरा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं. रितु माहेश्वरी साल 2019 में नोएडा अथॉरिटी की सीईओ भी बनी थी. रितु माहेश्वरी को 2022 में ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण का सीईओ बनाया गया था.
नोएडा में तैनाती के दौरान बिल्डरों की मनमानी पर लगाई रोक
रितु माहेश्वरी को एक महीने की जेल की सजा भी सुनाई गई थी. 18 साल पुराने मामले में जेल की सजा सुनाई गई थी. रितु माहेश्वरी ने कानपुर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम किया था. बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए रितु माहेश्वरी ने ऊर्जा मित्र नामक मोबाइल एप्लीकेशन बनाया था. इतना ही नहीं नोएडा के बड़े बिल्डरों पर लगाम लगाया. प्राधिकरण का पैसा नहीं देने पर वेव समूह जैसी कंपनी के भूखंड रद्द किए. सुपरटे ट्विन टावर का ध्वस्तीकरण कराया.
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