UP Crime News: उत्तर प्रदेश के आगरा से हैरान करने वाली खबर सामने आई है. जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा सील किए गए अस्पताल में फिर से छापेमारी करने गई टीम को ऐसा दृश्य देखने को मिला कि हर कोई अचंभे में रह गया. पढ़िए पूरी खबर ...
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Agra Crime News: उत्तर प्रदेश के आगरा से हैरान करने वाली खबर सामने आई है. जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा सील किए गए अस्पताल में फिर से छापेमारी करने गई टीम को ऐसा दृश्य देखने को मिला कि हर कोई अचंभे में रह गया. दरअसल आगरा में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक और झोलाछाप अस्पताल का भंडाफोड़ करते हुए, अवैध रूप से प्रसव कराते हुए एक दंपती को पकड़ लिया. शुक्रवार को टीम ने जब छापा मारा. तब अस्पताल के कर्मचारी फरार हो गए. प्रसूता को तुरंत सीएचसी रेफर कर दिया गया और अस्पताल को फिर से बंद कर दिया गया. मामले की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई है.
पहले भी की गई थी कार्रवाई
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि शमसाबाद के न्यू राधिका हॉस्पिटल को 21 अगस्त को अवैध रूप से संचालित पाया गया था. जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया था और एक मामला भी दर्ज कराया गया था. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. बुधवार को इस मामले में अधिकारियों ने बयान भी दर्ज किए थे.
मुखबिर ने दी थी सूचना
शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग को एक मुखबिर से सूचना मिली कि अस्पताल ने अब बगल की दुकान से एक गुप्त रास्ता बना लिया है. जहां अभी भी अवैध तरीके से प्रसव कराए जा रहे हैं. इस पर टीम ने पुलिस को सूचित किया. हालांकि शुरू में पुलिस को पूरी सूचना झूठी लगी. लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रसव कराते हुए एक झोलछाप को गिरफ्तार किया है.
अस्पताल के लिए बनाया था गुप्त रास्ता
सूचना मिलने पर मौके पर नोडल प्रभारी डॉ. जितेंद्र लवानियां और जगपाल चाहर को टीम के साथ भेजा गया. जब टीम ने अस्पताल की गहनता से जांच की तो पता चला कि एक बगल की दुकान से गुप्त रास्ता बना लिया गया था. पहले यहां एक एटीएम संचालित होता था. अंदर जाने पर अस्पताल संचालक भूपेंद्र चैंबर में बैठे मिले. उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी प्रसव करा रही थी. टीम के द्वारा सवाल पूछने पर वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.
सस्ते में कर रहे थे प्रसव
सीएमओ ने कहा कि पूछताछ में प्रसूता का नाम कुमकुम पत्नी छोटू, निवासी हुमायूंपुर, शमसाबाद बताया गया है. उनके परिजनों ने बताया कि सुबह प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. एक परिचित के जरिए उन्हें बताया गया था कि यहां सस्ते में प्रसव कराया जाएगा. परिजनों ने बताया कि अस्पताल ने 3 हजार रुपये पहले ही जमा कर लिए थे. बाकी बचे हुए 10 हजार रुपये प्रसव के बाद देने थे.
छापे से मचा हड़कंप
सीएमओ के अनुसार जैसे ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल पर छापा मारा. तो वहां पर मौजूद स्टाफ में हड़कंप मच गया. जिसके बाद अस्पताल कर्मचारियों ने प्रसव कक्ष को अंदर से बंद कर लिया. टीम ने काफी देर तक दरवाजे को खटखटाया. लेकिन दरवाजा नहीं खोला गया. प्रसूता की जान को खतरा होने के कारण एंबुलेंस को भी पहले से बुला लिया गया था. लेकिन प्रसव के बाद ही दरवाजा खोला गया. प्रसूता ने एक बेटे को जन्म दिया और दोनों को तुरंत सीएचसी भेज दिया गया.
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