Analysis: एग्जिट पोल का निचोड़ क्या है? वोटिंग से ठीक पहले मोदी सरकार के 2 फैसले काम कर गए
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Analysis: एग्जिट पोल का निचोड़ क्या है? वोटिंग से ठीक पहले मोदी सरकार के 2 फैसले काम कर गए

Election 2025: इन सबके बीच AAP को इस बार भारी एंटी इंकम्बेंसी का सामना करना पड़ा. शराब नीति घोटाले और शीश महल विवाद ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया. भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.

Analysis: एग्जिट पोल का निचोड़ क्या है? वोटिंग से ठीक पहले मोदी सरकार के 2 फैसले काम कर गए

Delhi Vidhansabha Chunav: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है और उसके तुरंत बाद आए एग्जिट पोल्स ने सबको चौंका दिया है. पिछले दो चुनावों में सिंगल डिजिट पर सिमटी बीजेपी इस बार जोरदार वापसी करती दिख रही है. एग्जिट पोल्स के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिल रहा है. लेकिन आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने की उम्मीद कर रही थी उसे बड़ा झटका लग सकता है. लेकिन आखिर बीजेपी की इस अप्रत्याशित बढ़त के पीछे कौन से कारक रहे? एक्सपर्ट्स का कहना है कि तमाम फैक्टर्स के अलावा इसमें दो बड़े फैसलों की भी भूमिका रही. पहला सरकार द्वारा 12 लाख तक की आय को टैक्स फ्री करना और दूसरा बीजेपी द्वारा भी फ्री योजनाओं की घोषणा.

मिडिल क्लास के लिए टैक्स में बड़ी राहत
असल में यह संयोग ही था कि दिल्ली चुनाव से पहले संसद का बजट सत्र था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए 2025 के बजट में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स फ्री कर दिया गया. इस फैसले ने मिडिल क्लास को जबरदस्त राहत दी. दिल्ली जैसे महानगर में जहां मध्यम वर्ग के मतदाताओं की संख्या ठीकठाक है. 

फ्री योजनाओं पर भी बीजेपी की रणनीति
दिल्ली में AAP सरकार की फ्री योजनाएं उनकी सबसे बड़ी ताकत रही हैं. लेकिन इस बार चुनाव में बीजेपी ने भी इसी रणनीति को अपनाया. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया था कि जो भी जनकल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं उन्हें रोका नहीं जाएगा. बीजेपी ने अपने प्रचार में यह संदेश दिया कि फ्री बिजली पानी जैसी योजनाएं जारी रहेंगी जिससे मतदाताओं का भरोसा बढ़ा. इससे उन वर्गों में भी बीजेपी को समर्थन मिला जो अब तक AAP के पक्ष में माने जाते थे.

उधर भ्रष्टाचार और ‘शीश महल’ ने बढ़ाई मुश्किलें
इन सबके बीच AAP को इस बार भारी एंटी इंकम्बेंसी का सामना करना पड़ा. शराब नीति घोटाले और शीश महल विवाद ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया. भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा जिससे पार्टी की लोकप्रियता पर असर पड़ा. बीजेपी ने अपने प्रचार अभियान में इन मुद्दों को जोर शोर से उठाया और मतदाताओं में AAP के प्रति नाराजगी को भुनाने में सफल रही.

फिलहाल एग्जिट पोल्स का अनुमान में बीजेपी
एग्जिट पोल्स के औसत के मुताबिक बीजेपी 39 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत की ओर बढ़ रही है, जबकि AAP 30 सीटों पर सिमट सकती है. हालांकि, कुछ पोल्स AAP की वापसी की भी भविष्यवाणी कर रहे हैं. Mind Brink ने AAP को 44 49 सीटें दी हैं, जबकि WeePreside के अनुमान में AAP को 46 52 सीटें मिल सकती हैं. वहीं, Matrize के आंकड़ों में करीबी मुकाबला दिखाया गया है, जिसमें बीजेपी को 35 40 और AAP को 32 37 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है.

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