Tripura: इस राज्‍य में बीजेपी सरकार को झटका, सहयोगी ने गठबंधन तोड़ने की दी धमकी
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Tripura: इस राज्‍य में बीजेपी सरकार को झटका, सहयोगी ने गठबंधन तोड़ने की दी धमकी

Tripura BJP Govt: त्रिपुरा में बीजेपी सरकार संकट में है. सहयोगी टिपरा मोठा पार्टी (टीएमपी) ने गठबंधन तोड़ने की धमकी दी है. 

Tripura: इस राज्‍य में बीजेपी सरकार को झटका, सहयोगी ने गठबंधन तोड़ने की दी धमकी

BJP and TMP: त्रिपुरा में बीजेपी सरकार संकट में है. सहयोगी टिपरा मोठा पार्टी (टीएमपी) ने गठबंधन तोड़ने की धमकी दी है. टीएमपी सुप्रीमो प्रद्योत किशोर माणिक्‍य देबबर्मा ने ऐलान कर दिया है कि यदि उनसे किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया तो वो सत्‍ता छोड़ने को तैयार हैं. हालांकि उन्‍होंने कहा कि हम पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का सम्‍मान करते हैं. हमने एक साल तक इंतजार किया है लेकिन हमारे बच्‍चों और लोगों का भविष्‍य अधर में है. 

क्‍या हैं मांगें
देबबर्मा ने कहा कि हम सुरक्षा, जमीन, शिक्षा, पहचान, सीधी फंडिंग (त्रिपुरा ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्‍ट कौंसिल) और संस्‍कृति को लेकर अपने अधिकार चाहते हैं. लेकिन हमसे इन मुद्दों पर किए गए वादों को पूरा नहीं किया जा रहा है. ऐसा लगता है कि कुछ लोग वादाखिलाफी करना चाहते हैं. बुधवार को अपनी पार्टी की स्‍थापना दिवस के मौके पर सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किए गए एक वीडियो में उन्‍होंने ये बात कही. 

2023 के विधानसभा चुनाव में टीएमपी ने अलग चुनाव लड़ा था और 13 सीटें जीती थीं. उसके बाद 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी के नेतृत्‍व वाले गठबंधन में शामिल हो गई थी. उन्‍होंने कहा कि हमसे जो हमारे अधिकारों को देने के वादे किए गए थे यदि उनको पूरा नहीं किया गया तो हम सत्‍ता से हटने को तैयार हैं. हमारे सत्‍ता में रहने का कोई औचित्‍य नहीं यदि हम अपने लोगों का भला नहीं कर सकते. हमारे लिए राजनीति का बहुत महत्‍व नहीं लेकिन अपने लोगों के अधिकार हमारे लिए मायने रखते हैं. 

उन्‍होंने अपनी पार्टी के विधायकों और कार्यकर्ताओं से ये भी कहा कि आप लोग इन सबके लिए मानसिक रूप से तैयार रहें और उचित समय पर सही निर्णय लिया जाएगा. उन्‍होंने आदिवासी कौंसिल एरियाज में गांव कमेटियों के लिए होने वाले चुनावों में देरी पर भी नाराजगी जाहिर की. 

देबबर्मा ने कहा कि त्रिपुरा में हम आदिवासी लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं. ऐसे में यदि फिर से अलगाववादी ताकतें सक्रिय होती हैं तो इसके लिए जिम्‍मेदार कौन होगा? जब हम शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांग करते हैं तो इस तरह का विलंब होता है और जब लोग इसके लिए हिंसक गतिविधियों को अपनाते हैं तो तत्‍काल सुनवाई हो जाती है.   

उन्‍होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि कृपया हमारी समस्‍याओं का समाधान दीजिए. हम लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं और अब अधिक इंतजार नहीं कर सकते. आप अपना मन बना लीजिए कि क्‍या हमारी मदद करनी है या नहीं? अन्‍यथा हम अपना देखेंगे कि क्‍या करना है?  

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