हाल ही में ओम माथुर को छत्तीसगढ़ का चुनाव प्रभारी और केंद्रीय चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि ओम माथुर को पार्टी हाईकमान वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर पर उतारना चाह रहा है, लेकिन ओम माथुर के इस बयान से कई सियासी मायने निकल रहे हैं.
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नागौर: भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य ओम माथुर ने एक बयान देकर राजस्थान भाजपा में हलचल बढ़ा दी है. माथुर ने कहा कि मेरा दिया हुआ टिकट पीएम मोदी भी नहीं काट सकते हैं. गौर जिले के परबतसर में आयोजित भाजपा की जन आक्रोश यात्रा को संबोधित करते हुए ओम माथुर ने कहा कि मैंने जो खूंटा गाड़ दिया उसे मोदी जी भी नहीं हिला सकते.
ओम माथुर यही पर नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि यह गलतफहमी मत पाल लेना भाई. अब तो मैं केंद्रीय चुनाव समिति का मेंबर हूं. यह जयपुर वाले कैसी भी लिस्ट भेजेंगे उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. मैं हर गांव की एक एक नश जानता हूं. मैंने जो खूंटा गाड़ दिया उसे मोदी भी नहीं हिला सकते. यह मैं यहां कहकर जा रहा हूं. मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है. मेरे द्वारा दिए गए टिकट को कोई काट नहीं सकता है.
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ओम माथुर की सियासी धमक..
दरअसल, भाजपा नेता ओम माथुर परबतसर में जन आक्रोश सभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जो लोग कभी हमारे विरोधी हुआ करते थे, आज वो भी मोदी के गुणगान कर रहे हैं. अगर विरोधी अपना खेमा बदल सकते हैं तो आप कार्यकर्ताओं को क्या दिक्कत है. इसलिए हम सब लोग 2023 को ध्यान में रखकर पूरी ताकत और लगन से एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे. यह कहते-कहते माथुर ने इशारों इशारों में ही अपनी धाक जमाते हुए कह डाला कि मेरा दिया हुआ टिकट तो खुद मोदी भी नहीं काट सकते.
माथुर के बयान के क्या है मायने
ओम माथुर का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने लिखा कि क्या ओम माथुर पीएम मोदी से पावरफुल हो गए हैं, जो खुलेआम बयानबाजी कर रहे हैं. राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में ओम माथुर को वसुंधरा राजे का विकल्प माना जा रहा था. राजनीतिक उठापटक के बीच माथुर का बयान सोशल मीडिया पर चर्चाओं में है. सियासत में हर बयान के सियासी मायने होते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि ओम माथुर का यह बयान केवल उनका बड़बोलापन है या इसके कोई सियासी मायने भी है.
अगले साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव
बता दें कि राजस्थान में अगले साल चुनाव होने हैं. इसको लेकर कांग्रेस और भाजपा तैयारियों में जुट गई है. भाजपा कांग्रेस के 4 सालों की विफलताओं के खिलाफ जन आक्रोश रैली निकाल रही है. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में विकास कार्यों के शिलान्यास और उद्घाटन करने में जुटे हुए हैं.
Reporter- Hanuman Tanwar