Rajasthan News : लोकसभा चुनाव 2024 में बांसवाड़ा में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) की जीत हुई है. इस जीत के कई मायने हैं. ये जीत दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाके में राजनीतिक समीकरण बदल सकती है. भील प्रदेश और आरक्षण में अनुसूचित जनजातियों के लिए बढ़ोत्तरी जैसे मुद्दे एक बार फिर चर्चा का विषय बनेंगे. फिलहाल सोशल प्लेटफॉर्म X पर बीएपी नेता राजकुमार रोत का NDA शामिल होने को लेकर किया गया ट्वीट वायरल है.
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Rajasthan News : लोकसभा चुनाव 2024 में बांसवाड़ा में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) की जीत हुई है. इस जीत के कई मायने हैं. ये जीत दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाके में राजनीतिक समीकरण बदल सकती है. भील प्रदेश और आरक्षण में अनुसूचित जनजातियों के लिए बढ़ोत्तरी जैसे मुद्दे एक बार फिर चर्चा का विषय बनेंगे.
बांसवाड़ा की आरक्षित सीट पर बीएपी के उम्मीदवार राजकुमार रोत ने 2,47,054 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. महज 31 साल के राजकुमार रोत ने पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को ये मात थी है. हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा बांसवाड़ा और डूंगरपुर इस बार बीएपी के खाते में हैं. वजह साफ है कि इस बार आदिवासी नए अधिकारों की मांग को लेकर सजग हैं.
जिससे ये साफ है कि बीएपी आने वाले वक्त में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को कड़ी टक्कर देगी. एक आदिवासी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रोत ने कहा कि इलाके में रोजगार के अवसर पैदा करने की कोशिश की जाएगी ताकि पड़ोसी राज्य गुजरात में उनके प्रवास को रोका जा सके.
रोत ने कहा कि आदिवासी बच्चों में कुपोषण एक बड़ा मुद्दा है. जिसका समाधान जरूरी है. रोत ने ये भी कहां कि भील प्रदेश का मुद्दा अब राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया जाएगा. जिसमें 4 राज्यों में फैले 39 जिले शामिल हैं. नवनिर्वाचित सांसद ने बीजेपी पर मतदाताओं को भ्रमित करने का काम किया.
रोत ने कहा कि उनके नाम के दो स्वतंत्र उम्मीदवारों को प्रायोजित किया गया. जिनमें से कई वोट डालते समय बीएपी उम्मीदवार की पहचान नहीं कर सके. राजकुमार नाम के दोनों उम्मीदवारों को सामूहिक रूप से 1.16 लाख वोट मिले और रोत की जीत का अंतर घटा.
आपको बता दें सोशल प्लेटफॉर्म X पर बीएपी नेता राजकुमार रोत ने लिखा है कि कुछ लोग NDA में शामिल होने की अफ़वाह फैला रहे हैं.रोत बोले - बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र में हमारे NDA में सम्मिलित होने की झूठी अफवाह फैला कर,कुछ विरोधी खुश हो रहे हैं. इन अफवाहों से बचें. बीएपी विपक्ष के साथ स्वतंत्र रहकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के हकों की लड़ाई लड़ेगी.