OBC आरक्षण को लेकर हरीश चौधरी ने CM गहलोत पर ही खड़े किए सवाल, खाचरियावास पर कहा ये
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OBC आरक्षण को लेकर हरीश चौधरी ने CM गहलोत पर ही खड़े किए सवाल, खाचरियावास पर कहा ये

OBC Reservation : OBC आरक्षण को लेकर हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. चौधरी ने कहा कि  CM गहलोत की जिम्मेदारी है कि वह इस मुद्दे पर सभी मंत्रीयों के डाउट क्लियर करें.

OBC आरक्षण को लेकर हरीश चौधरी ने CM गहलोत पर ही खड़े किए सवाल, खाचरियावास पर कहा ये

OBC Reservation : ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सीएम अशोक गहलोत से सीधा सवाल किया. उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विसंगतियां दूर करने के मामले में सहमत है और उन्होंने इस मुद्दे पर प्रशासनिक स्वीकृति दी है. उसके बावजूद कैबिनेट में क्यों नहीं पारित हुआ. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को क्यों डेफर किया गया. जबकि मेरी हिमाचल में उनसे बातचीत हुई थी जिसमें उन्होंने कैबिनेट में मंजूर करने की बात कही थी.

गहलोत डाउट करें क्लियर 

चौधरी ने कहा कि विभागीय मंत्री के नाते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जिम्मेदारी है कि वह इस मुद्दे पर सभी मंत्रीयों के डाउट क्लियर करें. हरीश चौधरी ने आवास पर मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि इस संशोधन से किसी भी वर्ग को कोई नुकसान नहीं है जबकि पूर्व सैनिकों को फायदा होगा. चौधरी ने कहा कि ओबीसी वर्ग के छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है. डेढ़ लाख भर्तियां प्रदेश में निकली हुई है उनमें ओबीसी छात्रों के साथ न्याय नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से करीब 10 बार मिलकर यह मांग रखी है. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा भी सीएमओ में हुई वार्ता में मौजूद थे. उन्होंने कहा कि दो समुदाय के बीच विवाद की स्थिति पैदा की जा रही है,यह दुर्भाग्यपूर्ण है. चौधरी ने कहा कि से क्रेडिट की लड़ाई ना बनाई जाए. ओबीसी छात्रों के हित में मुझे जो भी कीमत चुकानी पड़ेगी, मैं चुकाऊंगा. मैं राजनीति में पदों के लिए नहीं सिद्धांत की राजनीति के लिए आया हूं. उन्होंने कहा कि जल्द कैबिनेट की मीटिंग बुलाकर इस मुद्दे को पारित करवाया जाए.

चौधरी ने ट्वीट पर कहा ये

ट्वीट की भाषा को लेकर कहा कि यह एकदम सीधी बात थी. मैं खुद स्तब्ध हूं कि इतनी बार वार्ता और आश्वासन होने के बाद यह निर्णय हुआ. उन्होंने दूसरे राज्यों का भी उदाहरण दिया. कैबिनेट में मामले के डेफर होने को उन्होंने नई परंपरा की शुरूआत बताया. उन्होंने कहा कि मामले को डेफर कर एक मंत्री को विवाद में डलवाना चाहते हैं. यह समाजों के बीच खाई करना चाहते हैं. हमारी किसी समाज, जाति से लड़ाई नहीं है. ना ही यह किसी समाज का विषय है. यह ओबीसी का आंतरिक मामला है. इस मामले को लेकर में मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों से बात करूंगा. फिर भी हल नहीं निकलता है तो आंदोलन किया जाएगा.

एक व्यक्ति का उदाहरण देते हुए उन्होंने मेहरानगढ़ हादसे का जिक्र किया और कहा कि मेहरानगढ़ हादसे में कुछ नहीं हुआ. सरकार ने उसे धीरे धीरे साइलेंट कर दिया. अब ऐसे ही इसको कर देंगे. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि यह मुद्दा साइलेंट नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति 24 घंटे राजनीति करते हैं उन्हें कुछ समय राजनीति से हटकर भी निकालना चाहिए. उसमें उन्हें उन लोगों की भी पीड़ा देखनी चाहिए.

खाचरियावास ने चौधरी को बताया भाई 

दूसरी ओर हरीश चौधरी की ओर से प्रेस कांफ्रेस पर प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि हरीश चौधरी मेरे भाई हैं. वह भी स्टूडेंट पॉलिटिक्स से आते हैं. मैं भी स्टूडेंट पॉलिटिक्स से आता हूं. हम कैबिनेट में साथ रहे हैं. कैबिनेट में अगर मामला डेफर हुआ है तो उस पर सीएम ही निर्णय कर सकते हैं. सीएम हमारे नेता हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में हरीश चौधरी की सीएम से वार्ता चल रही है. जल्द मामले का हल निकलेगा. हरीश चौधरी के आंदोलन के सवाल पर कहा कि आंदोलन का सबको अधिकार है.

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