Dungarpur News: डूंगरपुर की चिखली पंचायत समिति में प्रधान शर्मीला ताबियाड के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव पर्याप्त सदस्यों की गैरमौजूदगी के कारण खारिज हो गया. सिर्फ 6 सदस्य ही मतदान में पहुंचे, जिससे विपक्ष को बड़ा झटका लगा. कड़ी सुरक्षा के बीच हुई वोटिंग के बाद शर्मीला ने राहत की सांस ली.
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Rajasthan News: डूंगरपुर जिले की चिखली पंचायत समिति में प्रधान शर्मीला ताबियाड के खिलाफ पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव मंगलवार को खारिज हो गया. वोटिंग के दौरान सदस्यों की पर्याप्त संख्या मौजूद न रहने के कारण प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया, जिससे प्रधान शर्मीला को बड़ी राहत मिली है.
चिखली उपखंड अधिकारी मनसुख डामोर ने बताया कि 30 दिसंबर 2024 को भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के छह सदस्यों ने जिला परिषद सीईओ को प्रधान शर्मीला ताबियाड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था. इस पर मंगलवार को पंचायत समिति में वोटिंग आयोजित की गई. मतदान प्रक्रिया दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक चली, लेकिन कुल 17 सदस्यों में से केवल 6 ही मतदान में शामिल हुए. चूंकि प्रस्ताव पारित करने के लिए तीन-चौथाई सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक थी, ऐसे में यह प्रस्ताव स्वतः ही खारिज हो गया.
वोटिंग के नतीजों के बाद प्रधान शर्मीला ताबियाड ने राहत की सांस ली और इसे साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव बिना किसी ठोस कारण के लाया गया था और उनकी पार्टी व समर्थकों ने इसे नकारकर सही निर्णय लिया है. चिखली पंचायत समिति में बीएपी के 12, बीजेपी के 4 और कांग्रेस का 1 सदस्य है. ऐसे में बीएपी के अंदर ही गुटबाजी की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन मतदान में कम उपस्थिति ने विपक्ष की रणनीति पर पानी फेर दिया. वोटिंग के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पुलिस ने सख्त सुरक्षा इंतजाम किए थे. कुल मिलाकर, यह अविश्वास प्रस्ताव न केवल विफल रहा बल्कि इससे पंचायत समिति की राजनीति में नए समीकरण बनने के संकेत भी मिल रहे हैं.
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Reported By- अखिलेश शर्मा