Rahul Gandhi: लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को मिली 1 सीट, राहुल गांधी की यात्रा से क्या अबकी बार बदलेगी तस्वीर?
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Rahul Gandhi: लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को मिली 1 सीट, राहुल गांधी की यात्रा से क्या अबकी बार बदलेगी तस्वीर?

Bihar News: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में भी गहमागहमी शुरू हो गई है. राहुल गांधी की न्याय यात्रा बिहार में पहुंचने के बाद यहां कांग्रेस के फेवर में कितना माहौल बन पाएगा, ये कहना अभी मुश्किल है.

Rahul Gandhi: लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को मिली 1 सीट, राहुल गांधी की यात्रा से क्या अबकी बार बदलेगी तस्वीर?

Rahul Gandhi Bharat Jodo Nyay Yatra: I.N.D.I.A का निर्माण तो हो गया है. अब इसमें कांग्रेस की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि क्षेत्रीय क्षत्रप कांग्रेस की महत्वाकांक्षा का कितना ध्यान रख पाते हैं. कामयाबी और बेहतर नतीजों के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी न्याय यात्रा निकाल रहे हैं. राहुल गांधी हाल ही में तीन दिनों तक बिहार के सीमांचल में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान रहे और किशनगंज, पूर्णिया, अररिया और कटिहार होते हुए पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर गए. वो अपनी यात्रा के दौरान आम लोगों से भी मिले और किसानों, बेरोजगारो से भी मुलाकात की.

न्याय यात्रा से होगा कांग्रेस को फायदा?

रोड शो के जरिए अपनी ताकत भी दिखाने की कोशिश की. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि राहुल की यह यात्रा कांग्रेस को कितना ताकत दे पाएगी. आपको बताते चलें कि किशनगंज एक मात्र ऐसी सीट है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की सहयोगी पार्टी कांग्रेस जीत सकी थी. वैसे, गांधी जिस दिन राहुल की धरती पर पहुंचे उसी दिन नीतीश कुमार पाला बदलकर एनडीए के साथ चले गए.

नीतीश से दूरी बनाने के बावजूद पूर्णिया में भव्य स्वागत

राहुल गांधी ने पूर्णिया में एक रैली को संबोधित करते हुए महागठबंधन के लिए 'नीतीश की जरूरत नहीं' की बात भले की, लेकिन माना जा रहा है कि नीतीश के बिना महागठबंधन की राह आसान नहीं है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि अगर नीतीश की पार्टी जेडीयू (JDU) राहुल गांधी की न्याय यात्रा के साथ होती तो यह यात्रा और दमदार होती. गांधी हालांकि सीमांचल के लोगों को धन्यवाद और आभार जताना नहीं भूले. गांधी का इस दौरान लोगों ने दिल खोलकर स्वागत भी किया.

सीमांचल की राजनीति पर कितना असर? 

सीमांचल की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले पूर्णिया के राजेश शर्मा ने कहा कि 4 लोकसभा और 24 विधानसभा वाले सीमांचल क्षेत्र में गांधी की यात्रा का प्रभाव तब दिखेगा जब यहां के लोकसभा चुनाव क्षेत्र से दमदार प्रत्याशी भी उतारे जाएं. उन्होंने बताया कि खराब समय में भी सीमांचल कांग्रेस के साथ खड़ा रहा है. किशनगंज में कांग्रेस भारी है, इसे कोई नकार नहीं सकता. राजद के साथ कांग्रेस के होने से यादव मुस्लिम वोटबैंक का भी साथ मिलना तय है.

शर्मा ने कहा, राहुल गांधी के दौरे के पूर्व से ही कांग्रेस के नेता पुराने कांग्रेसियों और बड़े नेताओं को कांग्रेस के साथ जोड़ने में सफल हुए थे. गांधी की इस यात्रा से इनमें उत्साह भी बढ़ा है.बहरहाल, गांधी तीन दिनों तक सीमांचल के बाद पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर गए. इसमें कोई शक नहीं कि गांधी की यात्रा से फिलहाल कांग्रेस को ताकत मिली है, लेकिन चुनाव तक इसे कांग्रेस कायम रख सकेगी, यह देखने वाली बात होगी.

(इनपुट: IANS)

 

 

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