Ukraine-Russia War: जब पूछा गया कि क्या पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की बैठक के दौरान खालिस्तान मुद्दे पर चर्चा होगी, इस पर विक्रम मिस्त्री ने कहा, 'जैसा कि हमने पहले भी कहा है, भारत और अमेरिका के बीच जो भी मुद्दे हैं, वो आपकी चिंता के हैं, हम उन सभी पर चर्चा करेंगे.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 23 सितंबर तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ कई अहम मुद्दों पर बातचीत करेंगे. पीएम मोदी के दौरे से पहले विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कई अहम सवालों के जवाब दिए.
जब पूछा गया कि क्या पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की बैठक के दौरान खालिस्तान मुद्दे पर चर्चा होगी, इस पर विक्रम मिस्त्री ने कहा, 'जैसा कि हमने पहले भी कहा है, भारत और अमेरिका के बीच जो भी मुद्दे हैं, वो आपकी चिंता के हैं, हम उन सभी पर चर्चा करेंगे. कोई खास मुद्दा उठाया जाएगा या नहीं, यह मैं इस समय नहीं कह सकता, लेकिन मैं यह जरूर कह सकता हूं कि हम सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे.'
ट्रंप से मुलाकात पर सस्पेंस
प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात की संभावना पर विक्रम मिस्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री की बहुत सारी बैठकें हम तय करने की कोशिश कर रहे हैं. अभी मैं किसी विशेष बैठक के बारे में नहीं बता पाऊंगा. हम सभी एंगल्स से देख रहे हैं कि हमारे पास कितना समय है और किस-किस से मुलाकात हो सकती है.'
उन्होंने आगे कहा, 'जहां तक क्वॉड का सवाल है, यह राष्ट्रपति बाइडेन और जापान के प्रधानमंत्री किशिदा के लिए एक तरह का विदाई समारोह भी होगा. इसलिए, क्वॉड कार्यक्रम प्रधानमंत्री को क्वॉड साझेदारी को रफ्तार और अहमियत देने में उनके नेतृत्व के लिए दोनों नेताओं को धन्यवाद देने का अवसर प्रदान करता है. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बाइडेन को भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करने का अवसर मिलेगा... हमें जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है."
आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से अमेरिका में भारतीय सरकार के खिलाफ 'हत्या' के प्रयास का मुकदमा दायर करने पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "जैसा कि हमने पहले कहा है, ये पूरी तरह से अनुचित और निराधार आरोप हैं. अब जब यह विशेष मामला दर्ज किया गया है, इससे अंतर्निहित स्थिति के बारे में हमारे विचार नहीं बदलते हैं. मैं केवल आपका ध्यान इस विशेष मामले के पीछे के शख्स की ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जिसका इतिहास हर कोई जानता है. मैं इस तथ्य को भी उठाना चाहता हूं कि जिस संगठन का यह शख्स प्रतिनिधित्व करता है, वह एक गैरकानूनी संगठन है.
'हमें देखना होगा कि कितनी सहमति बनती है'
रूस और यूक्रेन के बीच भारत कब तक शांति बहाल करा पाएगा, इस पर विक्रम मिस्त्री ने कहा, 'हाल ही में प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन का दौरा किया, जिसके बाद उन्होंने नेताओं से भी बात की. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन और राष्ट्रपति पुतिन से बात की और जब हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी रूस गए, तो उन्होंने भी राष्ट्रपति पुतिन से बात की. तो मैं बस इतना ही कहूंगा कि इन नेताओं के बीच यह बातचीत चल रही है. जहां तक (शांति) प्रस्ताव बनाने का सवाल है, हमें देखना होगा कि कितनी सहमति बनती है और फिर क्या हम उस स्तर तक पहुंच पाते हैं जहां एक प्रस्ताव को बड़े दर्शकों के सामने रखा जा सके.'