Munawwar rana Passes Away: उर्दू शायर और लेखक मुनव्वर राणा का लंबी बीमारी के बाद आज रविवार को निधन हो गया. उन्होंने 71 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.
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Munawwar rana Passes Away: उर्दू शायर और लेखक मुनव्वर राणा का लंबी बीमारी के बाद आज रविवार को निधन हो गया. उन्होंने 71 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें गुरुवार तड़के लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बेटी सुमैया राणा ने जानकारी दी थी कि उनके पिता मुनव्वर वेंटिलेटर पर हैं और उनकी हालत गंभीर है. तीन बार दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया.
बेटी सुमैया ने दी जानकारी
सुमैया राणा ने ज़ी न्यूज से बात करते हुए पिता मुनव्वर राणा के निधन की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बीमारी से हर बार लड़कर वे जीतते आ रहे थे. वे अंतिम समय तक लड़ते रहे. लेकिन इस बार दिल का दौरा पड़ा तो उनका निधन हो गया.
पेट में हुआ था तेज दर्द
मुनव्वर की बेटी सुमैया ने बीते गुरुवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे जारी एक वीडियो में कहा था कि पिछले दो-तीन दिनों से मेरे पिता की तबीयत बिगड़ रही है. डायलिसिस के दौरान उनके पेट में तेज दर्द हुआ. डॉक्टरों ने सीटी स्कैन किया और उनके पित्ताशय में कुछ समस्या पाई. फिर उनका ऑपरेशन किया गया.
तीन बार पड़ा दिल का दौरा
मुनव्वर की बेटी फाजिया राणा ने बताया कि उन्हें तीन बार दिल का दौरा आया. फाजिया ने कहा कि ऑपरेशन के बाद उनकी तबीयत सुधर रही थी. वे खाना भी खाए थे. लेकिन कल शनिवार की दोपहर उन्हें दिल का दौरा पड़ा तो उनकी हालत बिगड़ती चली गई. इसके बाद आज रविवार को उन्हें शाम को दूसरा दिल का दौरा पड़ा और कुछ ही देर बाद रात तकरीबन 11 बजे उन्हें तीसरा दिल का दौरा पड़ा. तीसरे हार्ट अटैक के बाद उनका निधन हो गया.
ठुकरा दिया था साहित्य अकादमी पुरस्कार
मुनव्वर राणा भारत के मशहूर शायर थे. उन्होंने कई ग़ज़लें लिखी हैं. उन्होंने देश में असहिष्णुता का आरोप लगाते हुए 2014 में उर्दू साहित्य के लिए मिले साहित्य अकादमी पुरस्कार को ठुकरा दिया था. तब उन्होंने कभी भी सरकारी पुरस्कार स्वीकार नहीं करने की कसम खाई थी. वह उत्तर प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम में भी सक्रिय रहते थे. खुद उनकी बेटी सुमैया समाजवादी पार्टी की सदस्य हैं. राणा अक्सर अपने राजनीतिक बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते थे.