उज्जैन में दोबारा होगा जनपद अध्यक्ष का चुनाव, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, BJP नहीं बना पाई थी अध्यक्ष
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उज्जैन में दोबारा होगा जनपद अध्यक्ष का चुनाव, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, BJP नहीं बना पाई थी अध्यक्ष

mp news-उज्जैन में दोबारा जनपद अध्यक्ष का चुनाव होगा. इंदौर हाईकोर्ट ने जनपद अध्यक्ष के चुनाव दोबारा कराने के निर्देश दिए हैं. 

 

उज्जैन में दोबारा होगा जनपद अध्यक्ष का चुनाव, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, BJP नहीं बना पाई थी अध्यक्ष

madhya pradesh news-इंदौर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने उज्जैन में हुए जनपद चुनाव को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. उज्जैन जनपद में 28 जुलाई 2022 को जनपद अध्यक्ष पद को लेकर हुए चुनाव पर कोर्ट ने रोक लगा दी है.  हाईकोर्ट ने जनपद अध्यक्ष के चुनाव दोबारा करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट के इस फैसले के बाद अब कलेक्टर दोबारा चुनाव प्रक्रिया कराएंगे. बता दें कि बीजेपी के पास बहुमत होने के बाद हार का सामना करना पड़ा था. 

जनपद अध्यक्ष पद पर कांग्रेस ने कब्जा किया था. 

कांग्रेस ने मारी थी बाजी
उज्जैन जनपद पंचायत में कांग्रेस समर्थित की संख्या कम होने के बाद भी अध्यक्ष के पद पर कांग्रेस समर्थित पिपलोदा द्वारकाधीश की विंध्या देवेंद्रसिंह पवार अध्यक्ष और दताना के नासीर पटेल उपाध्यक्ष चुने गए थे. जनपद में 25 वोटर में 13 बीजेपी के पास होने के बाद भी बीजेपी के सदस्य वोटिंग नहीं कर पाए थे. जिसके बाद प्रशासन ने कांग्रेस के उम्मीदवारों को विजय घोषित कर दिया था.

मोहन यादव धरने पर बैठे थे
प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव बीजेपी समर्थित जनपद सदस्यों और कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए थे. उन्होंने प्रशासन पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया था. इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसपर अब फैसला आया है. 

हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले अनंत यादव ने बताया कि 2022 में हुए जनपद चुनाव में प्रशासन के साथ साठगांठ से चुनाव नतीजों में कांग्रेस को जीत मिली थी. 25 सदस्यों को एक जनपद अध्यक्ष का चुनाव करना था. लेकिन 12 सदस्यों ने ही वोट डाला था. इसके खिलाफ हमें चुनाव निरस्त करने का आवेदन दिया था. आवदेन के बाद वहां से हमें स्टे मिला था, इसके बाद हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील की गई थी. हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोबारा फ्रेश इलेक्शन कराने का फैसला सुनाया है. 

फैसले पर बोले कांग्रेस विधायक
हाईकोर्ट के फैसले पर कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि अगर हम गलत हैं तो तात्कालिक कलेक्टर-एडीएम और अन्य अधिकारी भी दोषी हैं. उन्हें भी सजा होनी चाहिए. हम लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव जीते थे. सीएम ने अपनी साख बचाने के लिए लोकतंत्र की हत्या की है. 

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