सिंधिया, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद जैसे नेताओं का कांग्रेस से जाना इसलिए भी बड़ा झटका है क्योंकि इन्हें पार्टी का भविष्य माना जाता था.
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नितिन गौतम/नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह आज कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए हैं. आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने के साथ ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खासी वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को जमकर शेयर किया जा रहा है और यूजर्स इसपर कमेंट भी कर रहे हैं. दरअसल यह एक पुरानी तस्वीर है, जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह और सचिन पायलट एक साथ दिखाई दे रहे हैं. ये तस्वीर तब की है जब ये चारों नेता कांग्रेस का हिस्सा थे लेकिन अब इनमें से तीन भाजपा में शामिल हो चुके हैं. जैसा कि अब साफ है कि सिंधिया, जितिन प्रसाद और अब आरपीएन सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ चुके हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या सचिन पायलट भी अपने इन पुराने साथियों के नक्शेकदम पर चलते हुए भाजपा का दामन थामेंगे.
ये चर्चाएं इसलिए भी हैं क्योंकि सचिन पायलट भी राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से खुश नहीं बताए जाते हैं और दोनों के बीच का विवाद सार्वजनिक भी हो चुका है. वायरल हो रही ये तस्वीर इस मायने में भी खास है कि यह भारतीय राजनीति के मौजूदा दौर की कहानी भी बयां कर रही है और साथ ही कांग्रेस की दिनों-दिन दयनीय होती हालत को भी बखूबी दर्शा रही है.
कांग्रेस के लिए आत्ममंथन का समय!
कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी को लंबे समय से भावी प्रधानमंत्री के तौर पर पेश करने की कोशिशें हो रही हैं. अब चूंकि नेता युवा है तो उसके इर्द-गिर्द भी ऐसे युवा नेताओं की टीम बनी थी, जिन्हें भविष्य की राहुल गांधी की कैबिनेट का हिस्सा माना जाता था. राहुल गांधी की इसी टीम में ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट, सुष्मिता देव, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद आदि नेता थे लेकिन हाल के सालों में जिस तरह से भारतीय राजनीति में बीजेपी का उभार हुआ है और कांग्रेस लगातार कमजोर हुई है. ऐसे में राहुल गांधी के ये कई करीबी क्षत्रप अपना-अपना किला बचाने के लिए भाजपा का हिस्सा बन चुके हैं.
सिंधिया, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद जैसे नेताओं का कांग्रेस से जाना इसलिए भी बड़ा झटका है क्योंकि इन्हें पार्टी का भविष्य माना जाता था और सबसे खास बात कि इन तीनों ही नेताओं के पिता कांग्रेस से लंबे समय तक जुड़े रहे और कांग्रेस की विभिन्न सरकारों में मंत्री रहे और गांधी परिवार के करीबी माने जाते थे, ऐसे नेताओं का कांग्रेस छोड़ना पार्टी की मौजूदा स्थिति बयान करने के लिए काफी है. सचिन पायलट को लेकर भी गाहे-बगाहे ऐसी चर्चाएं शुरू हो जाती हैं. युवा नेताओं का जाना कांग्रेस के भावी नेतृत्व के लिए बड़े खतरे की घंटी है.
हिंदी पट्टी में भाजपा हुई खासी मजबूत
कांग्रेस के दिग्गज और युवा नेताओं का भाजपा में आना, भगवा पार्टी को दिनोंदिन मजबूत कर रहा है. खासकर हिंदी पट्टी राज्यों में भाजपा का दबदबा बहुत ज्यादा बढ़ता जा रहा है. ज्योतिरादित्य सिंधिया, जहां अपने साथ भाजपा के लिए एमपी में सत्ता लेकर आए. वहीं जितिन प्रसाद यूपी में ब्राह्मण वर्ग का चेहरा माने जाते हैं. हालांकि उनका प्रभाव अभी सीमित है लेकिन आगामी यूपी चुनाव में ब्राह्मणों को भाजपा के साथ जोड़े रखने में वह अहम साबित हो सकते हैं.
बात आरपीएन सिंह की करें तो, आरपीएन सिंह तीन बार विधायक और एक बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं. ऐसी चर्चाएं हैं कि वह पडरौना से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं. आरपीएन सिंह का ताल्लुक ओबीसी कुर्मी जाति से है. ऐसे में आरपीएन सिंह के जरिए भाजपा स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में जाने के नुकसान की भरपाई कर सकती है और कुशीनगर जिले में पिछड़ों को साध सकती है.