Betul Ram Mandir: 22 जनवरी यानी कल के दिन जब पूरा देश और दुनिया का हर सनातनी अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा देख रहा होगा, इसी दौरान बैतूल की आठनेर तहसील के धामोरी गांव मे भी भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हो रही होगी.
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बैतूल: अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश के कई राज्यों ने 22 जनवरी को एक दिन का अवकाश घोषित कर दिया है. लेकिन बैतूल का एक ऐसा गांव है, जहां ग्रामीणों ने मिलकर एक दिन का नहीं बल्कि पूरे तीन दिन का अवकाश घोषित किया है. गांव के हनुमान मंदिर में भी 22 जनवरी के दिन ही भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है और तीन दिनों तक गांव का कोई भी व्यक्ति किसी भी काम के लिए गांव से बाहर नहीं जाएगा.
गांव को अयोध्या की तरह सजाया जा चुका है और पूरा गांव इन तीन दिनों तक मंदिर परिसर में सामूहिक भोज करेगा.
बता दें कि 22 जनवरी यानी कल के दिन जब पूरा देश और दुनिया का हर सनातनी अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा देख रहा होगा, इसी दौरान बैतूल की आठनेर तहसील के धामोरी गांव मे भी भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हो रही होगी. 2600 की आबादी वाले इस गांव मे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए ग्रामीणों ने गांव में तीन दिन का अवकाश घोषित कर दिया है.
मांस-मदिरा पर रहेगा बैन
इस दौरान गांव का हर रहवासी गांव मे रहकर श्रीराम उत्सव में शामिल रहेगा. तीन दिनों तक गांव मे मांस मदिरा का सेवन प्रतिबंधित होगा और सभी ग्रामीण एक साथ सामूहिक भोज करेंगे. जानकारी के मुताबिक धामोरी गांव मे श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा का संकल्प भी उसी समय लिया गया था, जिस दिन अयोध्या में श्रीरामलला के भव्य मंदिर का भूमिपूजन हुआ था. अगस्त 2020 से ही ग्रामीण इस आयोजन की तैयारियों में जुटे हैं. आज पूरा गांव अयोध्या की तर्ज पर सजा हुआ है. हर घर के सामने और सड़कों पर रंगोली सजी है.
किसी से नहीं लिया चंदा
सबसे खास बात ये है कि इतने भव्य आयोजन के लिए ग्रामीणों ने आपस मे मिलकर आर्थिक सहयोग किया है और गांव के बाहर से ना कोई चंदा लिया गया और ना कोई दान. भगवान राम ,जानकी, श्री लक्ष्मण प्रतिमाएं और कलश खास तौर पर जयपुर से बनवाकर लाए गए हैं. ग्राम धामोरी में 19 जनवरी से शुरू हुआ भव्य प्राण प्रतिष्ठा आयोजन तीन दिनों तक यानी 22 जनवरी तक चलेगा. बैतूल के इस छोटे से गांव में जारी उत्सव इस बात पर मुहर लगा देते हैं कि पूरे देश और दुनिया मे श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह कितने चरम पर है और हर इंसान अपने गांव कस्बे और हृदय में श्रीराम को देखना चाहते हैं.
रिपोर्ट - रुपेश कुमार