Satna News: मध्य प्रदेश के सतना जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर सब यही कह रहे है कि यह तो गजब ही कर दिया.
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MP News: क्या आपने कभी सुना है कि जो महिला प्रेगनेंट है उसकी डिलीवरी हुई न हो लेकिन बच्चा पैदा हो गया. आप कहेंगे ऐसा तो हो ही नहीं सकता. लेकिन मध्य प्रदेश के सतना जिले में तो कुछ ऐसा ही हुआ है, जहां एक महिला की डिलीवरी अप्रैल महीने में होनी थी, लेकिन बाद में उसे पता चला कि कागजों में उसका बच्चा दिसंबर 2024 में ही जन्म ले चुका है, ऐसे में 6 महीने की प्रेगनेंट होने बाबजूद भी उसको सरकारी सुविधाओं को कोई लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि ऑनरिकॉर्ड तो उसकी डिलीवरी हो चुकी है. इस मामले से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है.
सतना के सोहावल गांव का मामला
यह अनोखा मामला सतना जिले के जनपद पंचायत सोहावल पंचायत में आने वाले कुड़िया गांव का है, यहां रहने वाले उत्तम सिंह की पत्नी प्रिया सिंह गर्भवती हैं, डॉक्टरों ने उसको डिलीवरी का समय अप्रैल महीने में बताया है, लेकिन जब वह जांच कराने पहुंची तो उसे जो पता चला उससे वह हैरान रह गई, क्योंकि शासन के अनमोल पोर्टल पर 30 दिसंबर 2024 को ही उसकी डिलीवरी दर्शा दी गई, जिसमें लिखा था कि उत्तम सिंह की पत्नी प्रिया सिंह को 30 दिसंबर के दिन 2 किलो 600 ग्राम की बच्ची का जन्म हुआ है, ऐसे में इस जानकारी को पाकर वह हैरान रह गई.
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प्रिया का परिवार हुआ परेशान
प्रिया ने बताया कि जुलाई में सतना के सार्थक निजी नर्सिंग होम में डॉ. रश्मि अग्रवाल से इलाज करवाया था और सभी दस्तावेज जमा किए थे, तब डॉक्टर ने उन्हें बताया था कि उनका प्रसव अप्रैल में होगा, लेकिन पोर्टल पर बच्चे का जन्म 30 दिसंबर को ही दिखा दिया गया है. ऐसे में डिलीवरी न होने के बाद भी उसे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही के कारण महिला का संबल योजना कार्डधारी परिवार कई सरकारी योजनाओं से वंचित हो रहा है, जिनमें स्वास्थ विभाग और महिला और बाल विकास विभाग की योजनाएं भी शामिल हैं, इसके अलावा, अब यह परिवार सामाजिक उपहास का भी सामना कर रहा है, क्योंकि महिला की शादी को अभी नौ माह ही हुए हैं. जबकि यह पूरी गलती स्वास्थ्य विभाग की है.
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही
अब यह परिवार न केवल सामाजिक उपहास का शिकार हो चुका है, बल्कि सरकार की हितग्राही मूलक योजनाओं से भी वंचित हो गया है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान मिलने वाली सहायता योजनाओं से अब वे अपात्र हो गए हैं, पीड़ित महिला का कहना है कि वह कई बार अधिकारियों के पास गई, लेकिन उनकी समस्या का समाधान कोई नहीं कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में एएनएम की लापरवाही की बात स्वीकार करते हुए, डाटा फीडिंग में सुधार के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है, इसके अलावा, सुधार कर अनमोल पोर्टल में सही जानकारी अपडेट करने का आश्वासन दिया गया है, ताकि महिला और उसके परिवार को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके.
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