Motivational Story: ग्वालियर की रहने वाली प्राची यादव को एक समय ग्वालियर के एक स्कूल में एडमिशन नहीं मिला था. आज उनके नाम की चर्चा पूरे देश में हो रही है. यहां पढ़ें प्राची के संघर्षों से भरी कहानी.
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MP News: कहते हैं जहां चाह है वहां राह है, कुछ इसी कहावत से मिलती जुलती कहानी ग्वालियर जिले की दिव्यांग खिलाड़ी प्राची यादव की है, अर्जुन अवॉर्डी प्राची यादव इस समय चर्चाओं की सुर्खियों में बनी हुई है, उनका संघर्ष स्पोर्ट्स की दुनिया में आने वाले खिलाड़ियों को प्रेरणा देता है, प्राची के जीवन से जुड़ी हुई कई बाते हैं लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं उस बात को जब प्राची को बचपन में ग्वालियर के एक स्कूल में एडमिशन नहीं दिया गया था. इसके अलावा प्राची के जीवन से जुड़ी हुई और बहुत सी बातें हम आपको बताने जा रहे हैं.
प्राची को नहीं मिला था एडमिशन
ग्वालियर जिले की रहने वाली प्राची यादव दिव्यांग है, बचपन में ही इनकी मां की मौत हो गई थी, इसके बाद इनके पिता ने माता पिता दोनों का फर्ज निभाया. एक बार ग्वालियर के एक स्कूल में इन्हें दिव्यांग होने की वजह से एडमिशन नहीं दिया गया. हालांकि इससे वो निराश नहीं हुई, वो अपने हौसलों को उड़ान देने में जुट गई और राजधानी भोपाल में पैरा कैनोइंग की प्रैक्टिस शुरू की.
प्रैक्टिस में आई बाधा
जी मीडिया से बात करते हुए प्राची ने बताया की प्रैक्टिस के दौरान उनके रिश्तेदार उन्हें ताने देते थे, लेकिन वो किसी की नहीं सुनी और लगातार अपनी तैयारी जारी रखी.
एशियन गेम्स में जीता गोल्ड
अपने खेल को लेकर लगातार प्रैक्टिस करने वाली प्राची के जीवन में साल 2023 बदलाव लेकर आया, बता दें कि साल 2023 में चाइना में हुए एशियन गेम्स में चाइना की खिलाड़ी को हराकर गोल्ड मेडल जीता था.
पीएम मोदी ने बढ़ाया था हौसला
जी मीडिया से बात करते हुए प्राची ने बताया कि गेम्स से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे बात की थी, उन्होंने बताया कि एक बार अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलने जा रही थी बेहतर प्रदर्शन न होने के बाद भी पीएम मोदी का मुझसे बात करना हौसला बढ़ाने वाला था.
राष्ट्रपति से मिला अर्जुन अवार्ड
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने प्राची को अर्जुन अवार्ड दिया, इसके बाद उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रपति ने अर्जुन अवार्ड दिया तो लगा मेहनत सफल हो गयी.
लड़कियों को दिया संदेश
अर्जुन अवॉर्डी प्राची ने कहा कि महिलाओ लड़कियां हिम्मत न हारे, आलोचनाओं पर ध्यान न दें, मेहनत करे सफलता हाथ लगेगी. पहले जो उंगली उठाते थे आज सब तारीफ करते हैं, सिर्फ मेहनत पर ध्यान देना है.
(भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट)