MP News:मध्य प्रदेश के इंदौर से धर्मांतरण का मामला सामने आया है जहां क्रिश्चियन मशीनरी के कुछ कार्यकर्ता बच्चों को इकट्ठा कर उन्हें अपना धर्म छोड़ ईसाई धर्म अपनाने के लिए बहलाया फुसलाया करते थे. पुलिस ने इन महिलाओं को गिरफ्तार कर उनपर केस दर्ज किया है.
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Indore News: मध्य प्रदेश से धर्मांतरण (religion conversion)की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. लगातार किसी ना किसी शहर से धर्म परिवर्तन का मामला सुनने को मिल रहा है. मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शहर इंदौर से भी सैकड़ों बच्चों के धर्मांतरण की खबर सामने आई है, जहां उन्हें जबरन अपना धर्म छोड़ ईसाई धर्म में बदला जा रहा था. ये ग्रुप बच्चों को लालच देकर धर्मबदलवे के लिए फुसला रहा था.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, क्रिश्चियन मशीनरी के कुछ लोग इंदौर की बस्तियों में रहने वाले परिवारों के बच्चों की मेडिकल टेस्ट के बहाने उन्हें इकट्ठा कर महंगे खिलौने, किताबें, नौकरी और रूपये-पैसों का लालच दे बच्चों से उनका धर्म बदलवाने का प्रयास कर रहे थे. पुलिस को इस घटना की खबर हुई तो मामले पर जांच शुरू की गई. जांच के बाद चार महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया ये चारों महिलाएं बच्चों को लालच देकर उनसे जबरन धर्म परिवर्तन करने की बात करती थी. बता दें कि ये महिलाएं इंदौर के राजेंद्रनगर, निरंजनपुर, रिंग रोड, राजेंद्रनगर, आजादनगर, खुड़ैल, गांधीनगर, बाणगंगा, लसूड़िया मोरी क्षेत्र में घूमकर गरीब बस्तियों के बच्चों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए बच्चों को एकत्रित किया करती थी.
"यीशु ही हम सब के भगवान हैं.."
बच्चों ने बताया कि ये महिलाएं अच्छी पढ़ाई, खाना- पीना और माता-पिता को रुपये का लालच देकर जबरदस्ती हमें हिंदू धर्म छोड़ ईसाई धर्म में परिवर्तित होने की बात कहा करती थी. इन महिलाओं ने बच्चों को बहला- फुसला कर कहा था कि, "भगवान राम और कृष्ण की पूजा बंद करो क्योंकि यीशु ही हम सब के भगवान हैं. भगवान यीशु की प्राथना करोगे तो ये सारे उपहार तुम्हारे होंगे." फिलहाल पुलिस ने इन महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है. बाकी इस कड़ी से जुड़े आठ अन्य लोगों की तलाश पुलिस कर रही है.
रहवासियों ने बच्चों को गुमराह होने से बचाया
संयोगितागंज थाने के एसआई ने बताया कि क्रिश्चियन मशीनरी से जुड़ी ये महिलाएं रविवार की सुबह 10 बजे से बच्चों को इकट्ठा करना शुरू किया था. उन्हें धार कोठी कॉलोनी के एक नंबर बगीचे में बैठाकर उनके सामने खाने-पीने और खिलौने रख बच्चों को गुमराह किया जा रहा था. बगीचे में भीड़ जमा देख कॉलोनी के रहवासियों को कुछ अजीब लगा और तुरंत उन लोगों ने बगीचे में मौजूद महिलाओं से पूछतात शुरू कर दी. पहले तो इन महिलाओं ने रहवासियों को बच्चों की मेडिकल टेस्ट का बहाना सुनाया, लेकिन बच्चों के परिजनों ने महिलाओं का सारा भांडा फोड़ धर्मांतर्ण की सारी बात बताई. जिसके बाद शीला, अंशुमान, फ्रांसिना और प्रभा नाम की महिलाओं को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा तीन और पांच के तहत केस दर्ज किया गया है. इन महिलाओं ने पहले भी इस तरह के कैंप लगाने की बात को स्वीकारा है.