ससुर से भी भरण पोषण की राशि मांग सकती है विधवा बहू, जानें छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का ये फैसला
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2413053

ससुर से भी भरण पोषण की राशि मांग सकती है विधवा बहू, जानें छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का ये फैसला

Chhattisgarh News: पति की मौत के बाद विधवा पत्नी अपने ससुर से भी जीवन यापन और भरण पोषण के लिए राशि की मांग कर सकती है. बिलासपुर हाईकोर्ट में एक फैसले में ससुर को उसके बहू और पोती के लिए भरण पोषण के लिए राशि देने के फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराया. 

ससुर से भी भरण पोषण की राशि मांग सकती है विधवा बहू, जानें छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का ये फैसला

CG News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें ससुर को विधवा बहू और 9 साल की पोती के लिए भरण पोषण के लिए राशि देने के निर्देश दिए गए थे. डिवीजन बेंच ने कहा कि हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम 1956 के तहत एक विधवा बहू धारा 19 के तहत अपने ससुर से भरण-पोषण पाने की हकदार है.

पति की मौत के बाद कोई भी विधवा महिला ससुर से भरण पोषण के लिए गुजारा भत्ता मांग सकती है. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया जिसमें विधवा बहू और 9 साल की पोती के लिए निर्धारित भरण पोषण राशि देने के निर्देश ससुर को दिए हैं. डिवीजन बेंच ने कहा कि हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम 1956 के तहत एक विधवा बहू धारा 19 के तहत अपने ससुर से भरण-पोषण पाने की हकदार है.

ससुर ने हाईकोर्ट में की थी अपील
ससुर ने फैमिली कोर्ट के आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट में अपील की थी. हाईकोर्ट ने पाया कि 40 हजार रुपए पेंशन पाने के साथ ही कृषि भूमि और बड़े मकान का मालिक ससुर गुजारा भत्ता देने में समर्थ है. बंग्लापारा तुमगांव जिला रायपुर निवासी जनकराम साहू के बेटे अमित साहू की मृत्यु वर्ष 2022 में हो गई थी. इसके बाद उसकी पत्नी मनीषा साहू (29 वर्ष) और बेटी टोकेश्वरी साहू  (9 वर्ष) के सामने जीवन चलाने का संकट हो गया. मनीषा ने पारिवारिक न्यायालय महासमुंद में याचिका दायर कर स्वयं और अपनी बेटी के लिए जीवन निर्वाह भत्ता दिलाने की मांग अपने ससुर से की. 

ये भी पढ़ें-  बीना में हो सकता है बड़ा उलटफेर, उपचुनाव की तैयारी में भाजपा, CM की मौजूदगी में इस्तीफा संभव

बहू और पोती को देने होंगे हर महीने 2 हजार
याचिका को स्वीकार कर फैमिली कोर्ट ने बहू को 1,500 रुपए प्रति माह और पोती को 500 रुपए प्रति माह देने का आदेश ससुर को दिया. इसके खिलाफ जनक राम ने हाईकोर्ट में अपील की. हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने भरण-पोषण की बहुत अधिक राशि तय नहीं की है. इसलिए हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम 1956 की धारा 18 के प्रावधानों के तहत फैमिली कोर्ट का आदेश न्यायसंगत और उचित है. 

ये भी पढ़ें- वंदे भारत समेत भोपाल से गुजरने वाली कई ट्रेन सितंबर में रहेंगी कैंसिल, यात्रा से पहले चेक करें लिस्ट

50 हजार से अधिक है ससुर की आय
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने ससुर की अपील अस्वीकृत कर दी. जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय जायसवाल की डबल बेंच में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट में यह तथ्य साफ हुआ कि ससुर को रिटायर्ड होने के बाद 40 हजार रुपए प्रतिमाह उन्हें पेंशन मिलती है. तुमगांव स्थित बड़े मकान से भी किराये के रूप में प्रति माह 10,000 रुपये मिलते हैं. इसके अलावा कृषि भूमि भी है.

छत्तीसगढ़ नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें  Chhattisgarh News in Hindi और पाएं Chhattisgarh latest news in hindi  हर पल की जानकारी । छत्तीसगढ़ की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड

Trending news