Chhattisgarh News: बिलासपुर जिला अस्पताल में पदस्थ लेडी डॉक्टर की मौत के मामले में 17 हफ्तों बाद बड़ा खुलासा हुआ है. CID की जांच में सामने आया है कि लेडी डॉक्टर ने खुदकुशी नहीं की थी, बल्कि उसकी बेरहमी से हत्या की गई थी.
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CG News: बिलासपुर के जिला अस्पताल में पदस्थ डेली डॉक्टर की मौत का राज सामने आ चुका है. सीआईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि लेडी डॉक्टर ने खुदकुशी नहीं की थी, बल्कि जिम ट्रेनर सूरज पांडेय ने स्कार्फ से गले में फंदा लगाकर हत्या कर दी. हत्या करने से पहले आरोपी ने डॉक्टर के साथ रेप किया गया था. सीआईडी की एआईजी मेघा टेमबुलकर ने जांच के बाद सूरज के खिलाफ हत्या और दुष्कर्म की धाराओं के तहत केस दर्ज करने की रिपोर्ट दी है. हालांकि सीआईडी की जांच में भी पूजा के पति पर कोई आरोप नहीं लगाए गए हैं, जबकि डॉक्टर की मां ने हत्या के पीछे पति का हाथ होने का दावा किया था.
लेडी डॉक्टर की मौत 10 मार्च 2024 में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी. सिरगिट्टी थाने की पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच करने के बजाय सामान्य आत्महत्या का मामला दर्ज किया. जब मौत की खबर उसकी मां को मिली उस वक्त उसकी मां अमेरिका में थी. यहां पहुंचने के बाद प्राइवेट फॉरेंसिक से जांच कराई. इसमें जो भी साक्ष्य सामने आए, उसमें मौत से पहले लेडी डॉक्टर के साथ जबरदस्ती होने की पुष्टि थी. आईजी व एसपी को बार-बार शिकायत के बावजूद पुलिस ने जांच में लापरवाही की. आखिरकार मां ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई. हाई कोर्ट ने सीआईडी से जांच कराने के निर्देश दिए थे.
स्कार्फ की लंबाई से खुलासा
सीआईडी जांच में सूरज पांडेय को हत्या व दुष्कर्म का दोषी पाया गया है. पुलिस के अनुसार स्कार्फ की लंबाई कम थी. गले की हड्डी भी नहीं टूटी थी. सीआईडी जांच में यह बात सामने आई है कि पूजा की लाश वज्रासन की अवस्था में होने की जानकारी दी गई है. गले में जो स्कार्फ था, उसकी लंबाई 6 फीट 6 इंच है. इस स्थिति में पंखे तक स्कार्फ नहीं पहुंचता. फंदे से लटकने की स्थिति में गले ही हड्डी टूट जाती, जबकि गले की हड्डी भी नहीं टूटी थी. डीएनए रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है.
580 पेज की रिपोर्ट
सीआईडी ने 580 पेज की अपनी रिपोर्ट में जिम ट्रेनर सूरज पांडेय के खिलाफ हत्या और दुष्कर्म का केस दर्ज करने की सिफारिश की है. हालांकि कमजोर जांच करने के लिए तत्कालीन टीआई भारती मरकाम और तत्कालीन सीएसपी प्रशिक्षु आईपीएस उमेश गुप्ता के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है, जबकि दोनों ने एसपी और आईजी को भी गुमराह किया. आईजी के निर्देश के बाद भी तत्कालीन सीएसपी ने अपनी रिपोर्ट में टीआई को बचाया. हाई कोर्ट के निर्देश पर जब सीआईडी जांच हुई, तब हत्या साबित हुई है. डॉक्टर के पति की भूमिका को लेकर भी सीआईडी ने कोई टिप्पणी नहीं की है.
ब्लड सैंपल और डीएनए की जांच
जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर की मौत के बाद सिरगिट्टी पुलिस ने जिम ट्रेनर सूरज पांडेय को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल भेजा था. सीआईडी ने अपनी जांच में पाया कि सूरज ने पहले दुष्कर्म किया, फिर गले में स्कार्फ का फंदा बनाकर मार डाला. सीआईडी की एआईजी मेघा टेम्भूरकर व उनकी टीम ने 50 लोगों का बयान लिए हैं. पति और आरोपी सूरज के ब्लड सैंपल और डीएनए की जांच कराई. फिंगरप्रिंट भी जुटाए गए. घटनास्थल पर जो साक्ष्य थे, उन्हें पुलिस ने नजरअंदाज किया. सीआईडी ने इन साक्ष्यों को अपनी जांच में शामिल किया और रिपोर्ट बनाई. इसमें कॉल डिटेल ही 380 पेज की है.
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