Karnataka BJP Defeat: दक्षिण के 'दरवाजे' पर क्यों डूबी बीजेपी की लुटिया? क्या हिंदुत्व के मुद्दे ही पड़ गए भारी
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Karnataka BJP Defeat: दक्षिण के 'दरवाजे' पर क्यों डूबी बीजेपी की लुटिया? क्या हिंदुत्व के मुद्दे ही पड़ गए भारी

Reasons of BJP Defeat in Karnataka:  पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गज कर्नाटक में चुनाव प्रचार करने पहुंचे. लेकिन वे भी पार्टी को हार से नहीं बचा सके. कर्नाटक की राजनीति में हमेशा बीजेपी ने राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के चूल्हे पर सियासी रोटी पकाने की कोशिश की. लेकिन यह दांव दक्षिण में कमाल नहीं दिखा पाया.

Karnataka BJP Defeat: दक्षिण के 'दरवाजे' पर क्यों डूबी बीजेपी की लुटिया? क्या हिंदुत्व के मुद्दे ही पड़ गए भारी

Karnataka Election 2023: दक्षिण में दबदबा बढ़ाने का बीजेपी का सपना 'द्वार' पर ही टूट गया. कर्नाटक का रास्ता पकड़कर ही  बीजेपी दक्षिण के बाकी हिस्सों में पैर पसारने के ख्वाब संजो रही थी. लेकिन राज्य की सत्ता से कांग्रेस ने बीजेपी को उखाड़ फेंका है. खबर लिखे जाने तक कांग्रेस को 135 सीटें मिल चुकी हैं. जबकि बीजेपी सिर्फ 66 सीट ही जीत सकी है. जेडीएस को 19 सीटें मिली हैं. वहीं अन्य के खाते में 4 सीटें ही आई हैं. बीजेपी ने इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गज चुनाव प्रचार करने पहुंचे. लेकिन वे भी पार्टी को हार से नहीं बचा सके. कर्नाटक की राजनीति में हमेशा बीजेपी ने राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के चूल्हे पर सियासी रोटी पकाने की कोशिश की. लेकिन यह दांव दक्षिण में कमाल नहीं दिखा पाया.

हिंदुत्व के मुद्दों पर आक्रामक रवैया

कांग्रेस सरकार और अपनी पार्टी के सत्ता में आने के बाद भी बीजेपी ने हमेशा राष्ट्रवाद और हिंदुत्व का मुद्दा ऊपर रखा. कई ऐसे मुद्दे रहे, जिन पर बीजेपी ने आक्रामक रवैया अख्तियार किया. पिछला एक साल देखें तो बीजेपी नेताओं ने हिजाब से लेकर अजान और हलाला जैसे मुद्दे उठाए. जब चुनाव का वक्त करीब आया तो बजरंग बली भी आ गए. कांग्रेस ने सत्ता में आने पर बजरंग दल को बैन करने का वादा किया तो बीजेपी ने बजरंग दल को बजरंग बली से जोड़ने का काम किया. बीजेपी ने इसको भगवान का अपमान तक बता दिया. लेकिन हिंदुत्व का यह कार्ड कर्नाटक की जनता को रास नहीं आया.

मार्च के महीने में बीजेपी नेता केएस ईश्वरप्पा ने अजान को लेकर एक बयान दिया था, जिस पर काफी बवाल हुआ था. उन्होंने लाउडस्पीकर पर होने वाली अजान का कनेक्शन स्टूडेंट्स के एग्जाम्स से जोड़ दिया था. उन्होंने कहा था कि इस वजह से अस्पताल में भर्ती लोगों और स्टूडेंट्स को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 

लाउडस्पीकर-हिजाब विवाद पर वार-पलटवार

बीजेपी नेता ने कहा था कि क्या अल्लाह प्रार्थना तभी सुनेंगे, जब लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाएगा. गौरतलब है कि नवंबर में कर्नाटक के उडुपी के एक प्राइवेट स्कूल में स्कूल में अजान पढ़ने का मामला सामने आया था, जिसके खिलाफ हिंदू कार्यकर्ताओं ने काफी विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने माफी मांगी थी.

कर्नाटक में हिजाब विवाद भी काफी सुर्खियों में रहा था. उडुपी में ही कई स्कूलों-कॉलेजों में हिजाब पहनकर आने वाली मुस्लिम छात्राओं को एंट्री की परमिशन नहीं दी गई थी. एक छात्रा का भी वीडियो खूब वायरल हुआ था, जिसमें उसने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए थे, जिसका वीडियो काफी वायरल हुआ था. इस मुद्दे पर भी बीजेपी आक्रामक नजर आई थी. हिजाब मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा था कि हिजाब इस्लामी आस्था या धार्मिक अभ्यास का हिस्सा नहीं है. लेकिन ये सारे मुद्दे भी बीजेपी के लिए दक्षिण के द्वार पर काम नहीं आए और बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा. 

 

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