Hathras Stampede: हाथरस सत्संग हादसे में 121 लोगों की मौत का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. सत्संग में मची भगदड़ में हुई मौतों को लेकर यूपी पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. अभी नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है, जिनके सत्संग में भगदड़ मची थी. इस बीच सूरज पाल उर्फ भोले बाबा के बारे में कई सारे खुलासे हो रहे हैं, जांच के दौरान अभी तक जो भी खुलासे हुए हैं वो बेहद चौंकाने वाले हैं. बाबा पर कई सारे मुकदमें पहले से ही दर्ज हैं. एक मुकदमा 2000 में दर्ज हुआ था. साल 2000 में आगरा के शाहगंज पुलिस थाने में सूरज पाल, उसकी पत्नी प्रेमवती समेत 7 लोगों के खिलाफ एक मर चुकी लड़की को जिंदा करने के दावा किया था, जिसके बाद इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया था. सूरज पाल ने लड़की को फिर से जिंदा करने का दावा करते हुए परिजनों को अंतिम संस्कार करने से भी रोक दिया था. हालांकि, पुलिस की ओर से मामले में पर्याप्त सबूत पेश नहीं किए जा सके, जिसके चलते कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सबको बरी कर दिया था. आइए जानते हैं अब तक की इस हादसे से जुड़ीं 10 बड़ी बातें.
- हाथरस मामले की जांच के शुरूआती जो तथ्य निकलकर सामने आए, वो बेहद चौकाने वाले हैं. मामले की जांच में जुटे अधिकारियों के अनुसार भीड़ उस वक्त अनियंत्रित हुई थी जब वहां मौजूद श्रद्धालुओं में बाबा के चरण रज व पैर छूने की होड़ लगी गई थी.
- हाथरस भगदड़ के एक दिन बाद बुधवार को भोले बाबा के वकील एपी सिंह सामने आए, उन्होंने इस बात को नकार दिया जिसमें कहा गया था कि बाबा के चरण रज की वजह से भगदड़ मच गई. वकील ने दावा किया कि यह घटना असामाजिक तत्वों द्वारा रची गई साजिश की वजह से हुई है.
- वकील एपी सिंह ने बताया कि उनका मुवक्किल भोले बाबा राज्य प्रशासन और पुलिस के साथ हर जांच में सहयोग करने को तैयार हैं.
- वकील एपी सिंह ने खुलासा किया कि भोले बाबा ने कभी किसी को अपने पैर छूने नहीं दिए. उन्होंने कहा, "नारायण साकार हरि कभी भी अनुयायियों को अपने पैर छूने नहीं देते. चरण रज की बात झूठी है. इस तरह के कृत्य का कोई वीडियो या तस्वीर नहीं है.
- हाथरस हादसे की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इस मामले की जांच करेंगे. पुलिस ने FIR भी दर्ज कर ली है. इसमें 22 लोगों को आरोपी बताया गया है. इन सबके बीच हैरानी वाली बात ये कि जिस बाबा के सत्संग में मौत का तांडव हुआ और 121 लोगों को जान गंवानी पड़ी, उस नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का नाम FIR में है ही नहीं.
- हादसे के बाद अभी तक बाबा का कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस ने बताया कि भोले बाबा उत्तर प्रदेश के मैनपुरी स्थित अपने आश्रम में मौजूद नहीं हैं. मैनपुरी के डीएसपी सुनील कुमार ने बताया, "आश्रम के अंदर 40-50 सेवादार हैं. जो बता रहे हैं कि वह (भोले बाबा) अंदर नहीं हैं, न तो वह कल थे और न ही आज हैं."
- प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा के भक्त आशीर्वाद लेने पैरों की धूल इकट्ठा करने के लिए दौड़े, लेकिन 'भोले बाबा' के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया. बाद में लोगों ने एक-दूसरे को धक्का देना शुरू कर दिया, जिसके कारण कई लोग जमीन पर गिर गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई.
- रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ लोग कीचड़ से भरे बगल के मैदान की ओर भागे, जिसके कारण वे गिर गए और अन्य श्रद्धालुओं ने उन्हें कुचल दिया.
- पुलिस ने बाबा के मुख्य सेवादार कहे जाने वाले देवप्रकाश मधुकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. यह वहीं आदमी है जो हाथरस में सत्संग मुख्य आयोजक भी है.
- उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हाथरस भगदड़ की जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाला यह तीन सदस्यीय पैनल अगले दो महीनों में हाथरस भगदड़ के विभिन्न पहलुओं की भी जांच करेगा.