Bihar Politics: चप्पल की माला के साथ पहुंचे पूर्व मंत्री, जनता रह गई हैरान
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Bihar Politics: चप्पल की माला के साथ पहुंचे पूर्व मंत्री, जनता रह गई हैरान

बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के सिकटा में पूर्व मंत्री खुर्शीद आलम चप्पल की माला लेकर जनता के बीच पहुंचे और कहा कि यदि उन्होंने काम नहीं किया है तो उन्हें चप्पल की माला पहनाएं, अन्यथा सिक्का से तौलकर सम्मान दें. जनता ने 1 क्विंटल 7 किलोग्राम सिक्कों से उन्हें सम्मानित किया.

Bihar Politics Former minister Khurshid Alam arrived with garland of slippers in West Champaran

बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के सिकटा विधानसभा क्षेत्र से एक अनोखी तस्वीर सामने आई है, जिसने सभी को हैरान कर दिया. पूर्व विधायक और मंत्री खुर्शीद आलम एक कार्यक्रम में चप्पल की माला लेकर पहुंचे और जनता से अपील की कि यदि उन्होंने अपने कार्यकाल में क्षेत्र के लिए काम नहीं किया हो, तो उन्हें इस माला से सम्मानित किया जाए और वापस भेज दिया जाए. यह नजारा देखकर लोग दंग रह गए और सोचने पर मजबूर हो गए कि क्या वाकई नेता ऐसे भी हो सकते हैं.

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सिक्का से तौलने का कार्यक्रम बना चर्चा का विषय
सिकटा के बैशाखवा स्थित एक स्कूल में पूर्व मंत्री खुर्शीद आलम को सिक्कों से तौलने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. पूर्व मंत्री बाइक रैली के साथ सभा स्थल पर पहुंचे और जनता का अभिवादन किया. जब वह मंच पर पहुंचे तो उनके हाथ में चप्पल की माला देखकर लोग चौंक गए. उन्होंने मंच से संबोधित करते हुए कहा, "मैं इस क्षेत्र में पांच साल विधायक और पांच साल मंत्री रहा हूं. अगर आपको लगता है कि मैंने विकास कार्य नहीं किया है, तो मुझे इस चप्पल की माला से सम्मानित करें और वापस भेज दें. यदि मैंने काम किया है, तभी मुझे सिक्का से तौलकर सम्मान दें."

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जनता ने सिक्कों से तौलकर किया सम्मानित
पूर्व मंत्री के इस अनूठे अंदाज का जनता पर गहरा प्रभाव पड़ा. उन्होंने अपने दस वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं और क्षेत्र में हुए विकास कार्यों का ब्योरा दिया. इसके बाद सभा स्थल पर तराजू लगाया गया और जनता ने एक क्विंटल सात किलोग्राम सिक्कों से उन्हें तौलकर सम्मानित किया. यह दृश्य पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया.

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खुर्शीद आलम का खास अंदाज
पूर्व मंत्री खुर्शीद आलम अपने अनोखे अंदाज के लिए हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. कभी जय श्री राम का नारा देकर चर्चा में आते हैं, तो कभी निजी कोष से मंदिर निर्माण कराते हैं. अब तक वह अपने क्षेत्र में 64 छोटे-बड़े मंदिरों का निर्माण करवा चुके हैं. उनके इस कार्य को लेकर भी जनता में उनकी खास पहचान बनी हुई है.  

आगामी चुनाव से पहले बड़ा संदेश
बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में खुर्शीद आलम का यह कदम काफी चर्चित हो गया है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह अनूठा अंदाज जनता का विश्वास जीतने की एक कोशिश हो सकती है. उनके इस कदम ने अन्य नेताओं को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जनता का दिल जीतने के लिए पारंपरिक राजनीति से हटकर कुछ अलग करना पड़ सकता है.  

काम देखकर करें सम्मान
सभा के अंत में पूर्व मंत्री ने जनता को संदेश दिया कि किसी भी नेता का सम्मान करने से पहले उसके काम की जांच करें. उन्होंने कहा, "सम्मान उसी को दीजिए, जिसने क्षेत्र में विकास कार्य किया हो. वादों और दिखावे से प्रभावित न हों." उनके इस वक्तव्य ने जनता के बीच एक नई सोच को जन्म दिया है.

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