रामगढ़ के तीन गांवों के लोगों ने निकाला कोरोना का तोड़! नहीं मिला कोविड-19 का मरीज
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रामगढ़ के तीन गांवों के लोगों ने निकाला कोरोना का तोड़! नहीं मिला कोविड-19 का मरीज

रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड अंतर्गत नावाडीह पंचायत का पुसुआ डीह और गोविंदपुर तथा कोराम्बे पंचायत का जोगीदास टोला कोरोना से पूर्णतः मुक्त गांव है. 

रामगढ़ के तीन गांवों के लोगों ने निकाला कोरोना का तोड़! (फाइल फोटो)

Ramgarh: रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड अंतर्गत नावाडीह पंचायत का पुसुआ डीह और गोविंदपुर तथा कोराम्बे पंचायत का जोगीदास टोला कोरोना से पूर्णतः मुक्त गांव है. इन तीनों गांव की आबादी तीन हजार के करीब है. यहां के सभी ग्रामीण कोविड को लेकर सरकार के गाइडलाइन का पालन करते हैं. इस मुद्दे पर रामगढ़ के गोला प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि हमारे गोला प्रखंड के पुरबडीह पंचायत के पुसुआडीह, संबलपुर ( गोबिंदपुर ) और कोराम्बे का जोगी दास टोला क्षेत्र कोरोना से दूर हैं. 

इस गांव के लोग कोरोना को लेकर काफी ज्यादा सजग हैं. सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए ग्रामीणों ने इम्यूनिटी से संबंधित जो भी उन्हें जानकारी थी, उसका सभी ने उपयोग किया. उनके गांव में बाहर से आने वाले जो भी लोग थे. उनके प्रति वे काफी सजग रहें और उन्हें क्वारंटाइन में रखा जाता है. 

कोरोना मुक्त इन तीनों गांव के ग्रामीण बाहर से आने वाले व्यक्ति को भी सरकार की इस गाइडलाइन का पालन जरूर करवाते हैं. शायद यही वजह है कि इन तीनों गांव में अभी तक वैश्विक संक्रमण से अछूता है. इस मुद्दे पर गांव के एक ग्रामीण ने बताया कि हम पुसुआ डीह गांव के रहने वाले सभी लोग मास्क लगाकर रहते हैं और बाहर से आने वाले लोगों के लिए हम सख्ती से पेश आते हैं. हम सभी अपने आप में भी सोशल डिस्टेंस से रहते हैं. हमारे गांव में एक भी कोरोना पेशेंट नहीं मिला है, हम लोग कोरोना मुक्त हैं. 

उन्होंने आगे कहा कि जैसे हमारे गांव में कोई बाहर से गाड़ी से आती है तो उसको रोककर हम लोग पहले बोलते हैं कि आप पहले मास्क पहन लीजिए, फिर गांव में जाइये. हम लोग बाहर भी जाते हैं, तो अपनी सुरक्षा के लिए मास्क लगाकर ही जाते हैं ताकि कोई क्षति नही हो और हम लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं. 

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 एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि ये गांव की  बड़ी उपलब्धि है कि हमारे यहां कोई कोरोना संक्रमित नहीं मिला है. हम लोग मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हैं और बाहर से आने वाले को भी इसका पालन करवाते हैं.गोला प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र के रहने वाले ये भोले-भाले ग्रामीण उन लोगों के लिए मिसाल बने हुए हैं, जो सरकार के गाइडलाइन को तोड़ते हैं

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