Tejashwi Yadav on Mohan Bhagwat Remark: मोहन भागवत के बयान पर अकसर विपक्षी दल निशाना साधते रहते हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में तो मोहन भागवत के बयान के सहारे ही लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के महागठबंधन ने भाजपा को धूल चटाई थी. अब तेजस्वी यादव भी मोहन भागवत के बयान पर निशाना साध रहे हैं.
Trending Photos
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत के एक बयान को लेकर अब विवाद हो रहा है. सोमवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा था, अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इसी दिन मिली थी. अब उनके इस बयान पर विपक्षी दलों के नेताओं का एक एक कर रिएक्शन सामने आ रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो इसे देशद्रोह तक करार दिया.
READ ALSO: Bihar: क्या सीएम नीतीश को नीचा दिखाना चाहते थे चिराग पासवान या कोई और थी बात?
पटना में राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, RSS प्रमुख मोहन भागवत जी का अब बस यही कहना बाकी रह गया है कि दलितों-पिछड़ों का आरक्षण खत्म होगा, तभी देश को असल मायनों में आजादी मिलेगी. तेजस्वी यादव ने कहा, देश को असल स्वतंत्रता 2024 में ही मिली है, यह कहकर RSS प्रमुख ने आज़ादी के करोड़ों मतवालों, दीवाने देशभक्तों, असंख्य शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों का घोर अपमान किया है.
राजद नेता ने कहा, संघ के लोगों का स्वतंत्रता संग्राम में अपना कोई योगदान नहीं था. इसलिए ये अब बाकियों के योगदान को खत्म करने के नए नए प्रपंच रच रहे हैं. इनका संगठन तो स्वयं अंग्रेजों का दलाल और मुख़बिर रहा है. तेजस्वी यादव ने कहा, दलितों-पिछड़ों, मेहनतकश एवं कृषक वर्गों के ऐतिहासिक योगदान को कमतर करना ही RSS का हमेशा से उद्देश्य रहा है. मोहन भागवत जी! देश गुलामी की तरफ़ अग्रसर है, क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपया सर्वकालिक निम्नस्तर पर है, उस पर ध्यान दीजिए.
READ ALSO: चिराग पासवान फोन करते रहे CM नीतीश ने नहीं की बात! दही-चूड़ा भोज में हो गया खेला?
तेजस्वी यादव ने संघ प्रमुख से कुछ सवाल भी पूछे. उन्होंने कहा, मोहन भागवत जी बताएं कि:
1. देश के बहुसंख्यक दलितों-पिछड़ों को असल आजादी कब मिलेगी?
2. दलित-पिछड़ों से घृणा करने वाले 100 साल पुराने संगठन RSS के कर्ता-धर्ता बताएं कि आज तक कोई दलित पिछड़ा RSS का प्रमुख क्यों नहीं बना?
3. महिला RSS प्रमुख क्यों नहीं बनी?
4. जातिगत जनगणना कब होगी?
5. दलितों-पिछड़ों का आरक्षण उनकी आबादी के अनुपात में कब बढ़ेगा?