BPSC Protest: पप्पू यादव और प्रशांत किशोर के अलावा अब बीपीएससी अभ्यर्थियों को इंडिया ब्लॉक के सभी छात्र संगठनों का साथ मिल गया है. पटना के कारगिल चौक से छात्र संगठनों ने मार्च निकाला, जिसमें विपक्ष के कई विधायक भी शामिल हुए.
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बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में इंडिया ब्लॉक के सभी छात्र संगठन शुक्रवार को सड़क पर उतर आए. छात्र संगठनों ने पटना के कारगिल चौक से मार्च का आगाज किया. काफी संख्या में कार्यकर्ता और नेताओं के अलावा विपक्ष के कई विधायक और बड़े नेता भी इस मार्च में शामिल हैं. छात्र संगठनों का मार्च मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास का घेराव करने के लिए निकला, लेकिन जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने बैरिकेटिंग लगा रखी थी, जिसे तोड़कर छात्र संगठनों के नेता और कार्यकर्ता डाकबंगला चौराहे तक पहुंच गए हैं. वहां काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती है.
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छात्र संगठनों के नेता और कार्यकर्ता डाक बंगले चौराहे पर बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि पुलिस प्रशासन की ओर से उन्हें लगातार समझाने की कोशिश की जा रही है. पुलिस प्रशासन की ओर से कहा गया है कि अगर आप बैरिकेटिंग तोड़ेंगे तो आप पर बलप्रयोग किया जा सकता है और इसके साथ ही वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस बीच राजधानी पटना में छात्र संगठनों की ओर से जगह जगह प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं. छात्र नेता बीपीएससी चेयरमैन रवि मनुभाई परमार को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. छात्र संगठनों की यह भी मांग है कि बिहार लोक सेवा आयोग 70वीं सीसीई फिर से आयोजित करे और 13 दिसंबर को हुई परीक्षा को कैंसिल किया जाए.
इससे पहले पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने 3 जनवरी को बिहार में चक्का जाम का ऐलान किया था. कई जगहों पर इसका असर देखने को भी मिला. मधेपुरा, बेगूसराय आदि जगहों पर पुलिस ने चक्का जाम कर रहे कई लोगों को पकड़ लिया. पटना की बात करें तो खुद पप्पू यादव ने सचिवालय हॉल्ट पर ट्रेन रुकवाने का नेतृत्व किया और वहां से वे इनकम टैक्स चौराहा तक पैदल मार्च के लिए निकल गए.
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दूसरी ओर, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर गांधी मैदान में गांधीजी की मूर्ति के नीचे आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. हालांकि प्रशासन ने उनको वह जगह खाली करने का नोटिस दे दिया है. पटना हाई कोर्ट के पूर्व के आदेशानुसार गांधी मैदान में आमरण अनशन नहीं किया जा सकता. इसके लिए गर्दनीबाग की जगह तय की गई है.