Bihar Politics: मकर संक्रांति के मौके पर बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर होने की आशंका को जताया जा रहा है, क्योंकि एनडीए के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से मिलने पहुंचे.
Trending Photos
Bihar Politics: पटना: मकर संक्रांति पर बिहार की राजनीति एक करवट लेती है, तो इफ्तार पार्टी पर दूसरी करवट. इस बार की भी मकर संक्रांति इस बदलाव की बयान से अछूती नहीं रही. नवंबर के अंत और दिसंबर की शुरुआत में जब नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरें मीडिया की सुर्खियां बनीं और उसके बाद लालू प्रसाद यादव ने बोल दिया कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का महागठबंधन में स्वागत करने के लिए तैयार हैं, तब से बिहार की राजनीति में तरह तरह की कयासबाजी हो रही है. कई नेता मकर संक्रांति के मौके पर बिहार की राजनीति में बदलाव के दावे भी कर रहे थे. मकर संक्रांति के मौके पर बदलाव तो हुआ पर थोड़ा सा.
ये भी पढ़ें: लालू RJD कार्यकारिणी की बैठक बुला रहे, राहुल पटना में कांग्रेस कार्यकर्ता से मिलेंगे
एनडीए धड़े के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस मकर संक्रांति के दिन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से मिलने पहुंचे. यह बिहार की राजनीति में बदलाव तो है ही. भले ही कयासबाजी नीतीश कुमार को लेकर लग रही थी, लेकिन उसे पूरा कर दिखाया पशुपति कुमार पारस ने.
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस मकर संक्रांति के दिन राबड़ी देवी के आवास पहुंचे और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से उनकी मुलाकात हुई. पशुपति कुमार पारस ने लालू प्रसाद यादव को बुधवार को होने वाले मकर संक्रांति के भोज में शामिल होने का न्योता दिया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस अभी भी अपने आप को एनडीए घटक दल का सदस्य मान रहे, लेकिन उनका राबड़ी आवास पर जाना और लालू प्रसाद यादव को मकर संक्रांति पर भोज का न्योता देना बिहार की राजनीति में बदलाव का संकेत तो है ही.
बता दें कि पशुपति कुमार पारस को लोकसभा चुनाव में एनडीए में कोई अहमियत नहीं मिली थी. शुरुआत में उन्हें राज्यपाल पद का ऑफर दिया गया था पर उन्होंने स्वीकार नहीं किया और लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाए थे. वे हाजीपुर सीट से सीटिंग एमपी थे पर यह सीट एनडीए ने उनके भतीजे चिराग पासवान को दे दी थी.
ये भी पढ़ें: राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं,लालू की बेटी मीसा भारती के आत्मविश्वास का क्या है राज?
उसके बाद भाजपा की ओर से लोजपा के दोनों धड़ों में सुलह की कोशिश की गई पर कोई बात नहीं बन पाई. लिहाजा भाजपा ने चिराग पासवान को ज्यादा अहमियत दी और पशुपति कुमार पारस एनडीए में रहते हुए भी हाशिए पर चले गए हैं. लोकसभा चुनाव में भी जब हाजीपुर सीट छिन गई थी, तब यह चर्चा चली थी कि तेजस्वी यादव से उनकी बातचीत चल रही है पर शायद वो बातचीत परवान नहीं चढ़ सकी थी.
इनपुट - शिवम कुमार
बिहार की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Bihar News in Hindi और पाएं Bihar latest News in Hindi हर पल की जानकारी । बिहार की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!