केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के हालिया बयानों के बाद बिहार की राजनीति में तूल पकड़ा है. मांझी ने एनडीए से उपेक्षित होने की बात करते हुए कहा था कि झारखंड और दिल्ली चुनाव में उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई. वे बिहार में अपनी ताकत दिखाएंगे. इस बयान पर राजद, जदयू, कांग्रेस और अन्य दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं. राजद ने मांझी पर सत्ता और पैसे के लिए राजनीति करने का आरोप लगाया, जबकि जदयू ने एनडीए में एकता की बात की. कांग्रेस ने बीजेपी और जेडीयू की रणनीति पर सवाल उठाया और कहा कि मांझी को बीजेपी धोखा दे रही है.
Trending Photos
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के हालिया बयानों के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है. एनडीए से उपेक्षित होने की बात करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा था कि उन्हें दिल्ली और झारखंड में एक भी सीट नहीं दी गई, अब वे बिहार में अपनी ताकत दिखाएंगे. इस पर अब राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं.
राजद नेत्री रोहिणी आचार्य ने तीखे शब्दों में जीतन राम मांझी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब नीतीश कुमार उन्हें एक सीट देंगे, तो वे फिर हमारे पास आ जाएंगे. रोहिणी आचार्य ने कहा कि जीतन राम मांझी सिर्फ सत्ता और पैसे के लिए राजनीति करते हैं और सत्ता जहां होती है, वहां चले जाते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जीतन राम मांझी को कभी यह याद नहीं रहता कि वे क्या बोलते हैं, एक ओर कहते हैं शराब पीनी चाहिए, तो दूसरी ओर शराब न पीने की सलाह देते हैं.
वहीं, जदयू के नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी. नीरज कुमार, जदयू के MLC ने कहा कि एनडीए में सभी नेता एकजुट हैं. नरेंद्र मोदी के साथ जीतन राम मांझी उनके कैबिनेट में शमिल हैं और वह प्रधानमंत्री के सहकर्मी हैं. बिहार में एनडीए के सभी नेता एक साथ सम्मेलन में हुंकार भर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे राज्यों में चुनाव की बात है तो ये केंद्रीय नेता तय करते हैं , यहां सब ठीक है. जो लोग ख्याली पुलाव पका रहे हैं, वे पकाते रहें, लेकिन एनडीए सभी मुद्दों पर एकजुट है.
बिहार सरकार के मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि एनडीए में सभी लोग एकजुट हैं और सभी का सम्मान होता है. आपसी समन्वय के आधार पर सभी काम किए जाते हैं. एनडीए के सभी नेता बैठकर चर्चा करते हैं और सबकी सहमति से फैसले होते हैं.
इसके अलावा, कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने भी टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा और जेडीयू की रणनीति है कि वे जीतन राम मांझी जी को पशुपति पारस की तरह बीच मझधार में छोड़ देंगे. उनके साथ उपेंद्र कुशवाहा का भी वही हाल होने वाला है. अब इन लोगों को देखना है कि वे गोडसेवादी के साथ रहेंगे या आंबेडकरवादी का सहारा लेंगे.
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आदरणीय जीतन राम मांझी बीजेपी के साथ हैं, लेकिन वहां वे दलितों के सम्मान की बात नहीं कर सकते. बीजेपी ने अपने किसी भी सहयोगी को नहीं छोड़ा है. अब जीतन मांझी को समझ आ रहा है कि बीजेपी उन्हें अपनी औकात दिखा रही है. झारखंड और दिल्ली में बीजेपी ने उन्हें सीट नहीं दी और बिहार में भी उनकी पार्टी तोड़ी जाएगी. बीजेपी का यह रवैया सबको पता है. गरीबों के हक की लड़ाई लालू और तेजस्वी जी लड़ रहे हैं, जबकि जीतन मांझी सिर्फ सत्ता के लालच में बीजेपी के साथ हैं. बीजेपी ने उन्हें केवल एक धोखा दिया है. मांझी जी वंचित दलितों की बात नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए उन्हें माफ नहीं किया जाएगा.
ये भी पढें- Bihar Politics: NDA से नाराज जीतन राम मांझी? विधानसभा चुनाव से पहले किया बड़ा ऐलान
बिहार की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Bihar News in Hindi और पाएं Bihar latest News in Hindi हर पल की जानकारी . बिहार की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!