बिहार में नहीं हो पाएगा खेला! DEO की कम कर दी गई शक्ति, फंड नहीं आएगा हाथ
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बिहार में नहीं हो पाएगा खेला! DEO की कम कर दी गई शक्ति, फंड नहीं आएगा हाथ

Bihar News: बिहार शिक्षा विभाग ने पत्र जारी करते हुए कहा है कि अब स्कूलों के विकासात्मक कार्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड ही करेगा.

बिहार शिक्षा विभाग

पटना: बिहार शिक्षा विभाग के सभी विकासात्मक कार्य अब शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड ही करेगा. इसके लिए बुधवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि विकास कार्यों के निरीक्षण एवं समीक्षा के क्रम में यह पाया गया है कि शिक्षा विभाग के विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों का क्रियान्वयन अनेकों एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है. ई-शिक्षा कोष पर अपलोड किए गए आंकड़ों की समीक्षा में यह पाया गया है कि जिला स्तर पर असैनिक कार्यों का क्रियान्वयन किए जाने के कारण जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी तथा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी जिला के विद्यालयों के शैक्षणिक कार्यों को देखने का पर्याप्त समय नहीं देते हैं.

इस कारण से शिक्षा विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं के समरूप एवं समेकित रूप से गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन में कठिनाई हो रही है. वर्तमान में जिला स्तरीय समिति के माध्यम से जिला स्तर पर विकास कार्यों को क्रियान्वित करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी अधिकतम 50 लाख रुपए तक की योजना ले सकते हैं. ऐसी स्थिति में एक ही विद्यालय परिसर की अनेक योजनाएं 50 लाख की सीमा के अंदर सीमित कर क्रियान्वित की जा रही हैं.

इस कारण एक विद्यालय का समेकित विकास नहीं हो पा रहा है और साथ ही साथ एक ही परिसर में अनेक संवेदक कार्यरत हैं. फिलहाल बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड केवल 50 लाख से अधिक राशि की योजना के क्रियान्वयन के लिए प्राधिकृत है. जबकि इस निगम का गठन शिक्षा विभाग के सभी प्रकार के विकास कार्यों को करवाने के लिए किया गया है. इस स्थिति में शिक्षा विभाग के असैनिक कार्यों के क्रियान्वयन बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से ही कराने का निर्णय लिया गया है.

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शिक्षा विभाग के सभी प्रकार के विकास कार्यों का क्रियान्वयन 31 मार्च के बाद बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा ही किया जाएगा. पत्र में यह भी कहा गया है कि विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाध्यापक अपने स्तर पर मरम्मत के कार्य करा सकेंगे, जिसकी कुल अधिकतम सीमा 50 हजार रुपए है. उक्त राशि प्रधानाध्यापक के खाते में विभाग द्वारा स्थानांतरित कराई जाएगी. 31 मार्च, 2025 के बाद किसी भी निर्माण से संबंधित राशि जिला शिक्षा पदाधिकारी को नहीं दी जाएगी. निर्माण कार्य के लिए विभाग सीधे बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड को राशि उपलब्ध कराएगा.

इनपुट- आईएएनएस

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