धनबाद: झारखंड विधानसभा चुनावों के बीच धनबाद के नेहरू कॉम्प्लेक्स ग्राउंड में असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा ने भाजपा प्रत्याशी राज सिन्हा के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित किया.
Trending Photos
धनबाद: झारखंड विधानसभा चुनावों के बीच धनबाद के नेहरू कॉम्प्लेक्स ग्राउंड में असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा ने भाजपा प्रत्याशी राज सिन्हा के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित किया. सभा में उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार और विपक्षी दलों पर तीखे हमले किए.
सभा में शुक्रवार की छुट्टी पर सवाल
हिमंत बिस्व सरमा ने झारखंड सरकार की नीतियों को एकतरफा और समुदाय विशेष के पक्ष में बताया. उन्होंने कहा कि जब देश भर में रविवार को स्कूलों की छुट्टी का चलन है, तब झारखंड के कुछ जिलों में शुक्रवार को स्कूल बंद करने का फैसला किया गया है. यह निर्णय मुस्लिम समुदाय को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर शुक्रवार को नमाज के लिए छुट्टी दी जा सकती है, तो हिंदुओं को हनुमान चालीसा के लिए छुट्टी क्यों नहीं मिल सकती है.
नमाज कक्ष पर साधा निशाना
हिमंत बिस्व सरमा ने विधानसभा में नमाज कक्ष आवंटित किए जाने के फैसले को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि अगर नमाज के लिए स्थान उपलब्ध कराया जा सकता है, तो हनुमान चालीसा पाठ के लिए भी स्थान मिलना चाहिए. उन्होंने इसे पक्षपातपूर्ण नीति बताते हुए झारखंड की जनता से भाजपा को मजबूत करने का आह्वान किया.
कांग्रेस और झामुमो पर आरोप
हिमंत बिस्व सरमा ने अपने भाषण में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर घुसपैठियों को बढ़ावा देने और वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी हिंदुओं को बांटने की साजिश कर रहे हैं. इसके अलावा, झामुमो और कांग्रेस के नेताओं, विशेष रूप से आलमगीर आलम और इरफान अंसारी पर विवादित टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को गंगा नदी में डालकर शुद्धिकरण किया जाना चाहिए.
चुनाव प्रचार में बढ़ती तीव्रता
झारखंड में पहले चरण के मतदान के बाद से चुनाव प्रचार तेजी पकड़ रहा है. धनबाद समेत राज्य की अन्य सीटों पर भाजपा और इंडिया गठबंधन के बीच मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है. हिमंत बिस्व सरमा के आक्रामक प्रचार और बयानबाजी ने चुनावी सरगर्मी को और बढ़ा दिया है. अब देखना यह है कि भाजपा की रणनीति क्या जनता को प्रभावित कर पाती है.