Water-borne diseases: बरसात के मौसम में अस्वच्छ पानी की उपलब्धता अधिक होती है, इसलिए यह इसे और भी असुरक्षित बना देता है. रुका हुआ गंदा पानी कई जीवों के प्रजनन के लिए आदर्श होता है.
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Water-borne diseases: मानसून में पानी पीने में सावधानी बरतना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस समय में विभिन्न बैक्टीरिया द्वारा बीमारियों का प्रसार होने का खतरा बढ़ जाता है. इसे जल-जनित बीमारियां (water borne disease) भी कहा जाता है. यह वो बीमारियां हैं, जो गंदे जल निकायों के माध्यम से फैलती हैं, जो कुछ दिनों या हफ्तों तक रह सकती हैं.
आपको बता दें कि बरसात के मौसम में अस्वच्छ पानी की उपलब्धता अधिक होती है, इसलिए यह इसे और भी असुरक्षित बना देता है. रुका हुआ गंदा पानी कई जीवों के प्रजनन के लिए आदर्श होता है. ये जीव बाद में जल-जनित बीमारियों का कारण बनते हैं. चूंकि मानसून के दौरान हम पानी और नमी के संपर्क में और भी अधिक आते हैं, इसलिए जल-जनित बीमारी होने की संभावना साल के किसी भी अन्य समय की तुलना में बहुत अधिक होती है.
मानसून में कौन सी जल-जनित बीमारियां नॉर्मल हैं?
टाइफाइड
टाइफाइड भारत में सबसे आम मानसूनी बीमारियों में से एक है. दूषित भोजन या गंदा पानी का सेवन करने से व्यक्ति को टाइफाइड हो सकता है.
हैजा (Cholera)
हैजा मानसून में होने वाली एक और बहुत ही आम जल-जनित बीमारी है, हैजा के परिणामस्वरूप दस्त, डिहाइड्रेशन और कई अन्य लक्षण हो सकते हैं. पर्याप्त मात्रा में साफ पानी और फ्रिज में रखा भोजन खाने से आपको हैजा से बचने में मदद मिल सकती है.
हेपेटाइटिस ए
हेपेटाइटिस-ए एक जल-जनित रोग है जो हमारे लिवर के स्वास्थ्य पर हमला करता है. यह गंदे पानी से या हेपेटाइटिस-ए से पीड़ित किसी व्यक्ति से हो सकता है. इससे पीलिया, उल्टी, बुखार आदि भी हो सकता है.
क्या सावधानियां बरतें?
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)