भारत में बढ़ रहा प्राइवेट पार्ट का ये कैंसर, खतरे में 50 साल से कम के मर्द, इन लक्षणों के दिखते ही भागे डॉक्टर के पास
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भारत में बढ़ रहा प्राइवेट पार्ट का ये कैंसर, खतरे में 50 साल से कम के मर्द, इन लक्षणों के दिखते ही भागे डॉक्टर के पास

Prostate Cancer Symptoms: कम उम्र में प्रोस्टेट कैंसर सिर्फ जानलेवा ही नहीं बल्कि लाइफ क्वालिटी को भी इफेक्ट करता है. ऐसे में इसे शुरुआती स्टेज पर पहचानना बहुत जरूरी हो जाता है. इसके लक्षण कैसे होते हैं, यहां हम आपको बता रहे हैं.

भारत में बढ़ रहा प्राइवेट पार्ट का ये कैंसर, खतरे में 50 साल से कम के मर्द, इन लक्षणों के दिखते ही भागे डॉक्टर के पास

प्रोस्टेट कैंसर पुरषों के प्राइवेट पार्ट में होने वाली एक जानलेवा बीमारी है. यह कैंसर अखरोट के आकार वाले प्रोस्टेट ग्लैंड में होता है. हालांकि इसका खतरा ज्यादातर अधिक उम्र के पुरुषों में ज्यादा होता है. लेकिन हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आयी है जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि भारत में कम उम्र के पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है. दिल्ली के यूनिक हॉस्पिटल कैंसर सेंटर में मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख, डॉ. आशीष गुप्ता, ने न्यूज एजेंसी को बताया कि 50 वर्ष से कम उम्र के वर्ग में प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में काफी वृद्धि देखी जा रही है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में भारत में 37,948 प्रोस्टेट कैंसर के मामले सामने आए थे.  यह संख्या इस वर्ष देश में दर्ज किए गए कुल 14 लाख नए कैंसर मामलों का लगभग तीन प्रतिशत है. डॉ. गुप्ता बताते हैं कि शुरुआती स्टेज पर इस कैंसर के लक्षण पता चल जाने से इससे मौत का खतरा बहुत कम हो जाता है.

80 प्रतिशत लोगों में देरी से होता है इसका निदान 

भारत में प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने में देरी एक बड़ी समस्या है. डॉ. गुप्ता ने बताया कि अमेरिका में प्रोस्टेट कैंसर के 80 प्रतिशत रोगियों में बीमारी का पता समय पर चल जाता है, जबकि भारत में यह आंकड़ा इसके विपरीत है. 

प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण

- पेशाब करने में कठिनाई
- बार-बार पेशाब आना, विशेष रूप से रात में
- पेशाब या सीमेन में खून आना
- कूल्हों, पीठ या पेल्विक में दर्द

बचाव का सबसे अच्छा तरीका

एक्सपर्ट बताते हैं कि कई बार प्रोस्टेट कैंसर में शुरुआती स्टेज पर कुछ खास लक्षण नजर नहीं आते हैं. ऐसे में इससे बचाव के लिए नियमित प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (PSA) टेस्ट और जांच के माध्यम से पुरुष अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रख सकते हैं और बीमारी के बढ़ने की संभावना को कम कर सकते हैं.

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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

 

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