ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो दिमाग में खून की आपूर्ति में रुकावट के कारण होती है. यह ब्लड वेसेल्स के टूटने के कारण हो सकता है या नसों में कोलेस्ट्रॉल या अन्य पदार्थों के जमाव के कारण.
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ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो दिमाग में खून की आपूर्ति में रुकावट के कारण होती है. यह ब्लड वेसेल्स के टूटने के कारण हो सकता है या नसों में कोलेस्ट्रॉल या अन्य पदार्थों के जमाव के कारण. ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई कारकों से बढ़ सकता है, जिनमें शामिल हैं- उम्र, लिंग, नसों का रोग, खराब लाइफस्टाइल या परिवार का इतिहास. लेकिन, क्या आपको पता है महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा अधिक होता है? जी हां, पुरुषों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा होता है.
पुरुषों में ब्रेन स्ट्रोक का अधिक खतरा होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं- हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी, डायबिटीज, धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन. इसके अलावा, पुरुषों में शारीरिक निष्क्रियता की प्रवृत्ति अधिक होती है, जो ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकती है. ऐसे में पुरुषों को ठंड में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए.
ठंड में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा ज्यादा क्यों?
ठंड के मौसम में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि ठंड से नसें सिकुड़ सकती हैं. इससे खून का फ्लो बाधित हो सकता है और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है. ठंड में ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें.
- ठंड में बाहर जाने से बचें या यदि आपको बाहर जाना है, तो गर्म कपड़े पहनें और गर्म रखें.
- अपना शरीर गर्म रखें. अपने सिर, गर्दन और छाती को गर्म रखें.
- पर्याप्त पानी पिएं. निर्जलीकरण से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है, जो ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है.
- नियमित रूप से व्यायाम करें. व्यायाम ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है और ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को कम कर सकता है.
- अपने ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल की निगरानी करें. इनमें से किसी भी स्तर में वृद्धि से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है.
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
- चेहरे, हाथ या पैर में अचानक कमजोरी या सुन्नता
- बोलने में अचानक बदलाव या अस्पष्टता
- दृष्टि में अचानक बदलाव या हानि
- सिर में अचानक तेज दर्द
- संतुलन या समन्वय में अचानक समस्या