Ek Din Ek Film: आज भी इस फिल्म में धड़कता है हिंदुस्तान का दिल, बिना मिर्च-मसाले के कहती है सीधी बात
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Ek Din Ek Film: आज भी इस फिल्म में धड़कता है हिंदुस्तान का दिल, बिना मिर्च-मसाले के कहती है सीधी बात

Shree 420: राज कपूर ने जैसी फिल्में हिंदी सिनेमा को दी हैं, वैसी किसी और ने नहीं. यही वजह है कि उन्हें शो मैन कहा गया. उनकी फिल्में समय की नब्ज पर हाथ रखती हैं. श्री 420 को सिनेमा के जानकार टाइमलैस क्लासिक की श्रेणी में रखते हैं. यहां हीरो महानगर में अपनी इंसानियत और प्यार को बचाए रखने का संघर्ष करते नजर आता है.

 

Ek Din Ek Film: आज भी इस फिल्म में धड़कता है हिंदुस्तान का दिल, बिना मिर्च-मसाले के कहती है सीधी बात

Raj Kapoor Film: 1951 में फिल्म आवारा की भव्य सफलता के बाद राज कपूर ने श्री 420 शुरू की. फिल्म में नरगिस, नादिरा, निम्मी और ललिता पवार भी प्रमुख भूमिकाओं में थे. शंकर-जयकिशन का संगीत और मुकेश की सुरीली आवाज में फिल्म के गाने मेरा जूता है जापानी... ने देश-दुनिया में लोकप्रियता के झंडे गाड़ दिए थे. फिल्म में राज कपूर इलाहाबाद के एक गरीब और भोले युवक राज की भूमिका में हैं, जो आजीविका कमाने के लिए बंबई आता है. उसकी दोस्ती सोनाचंद नाम के शख्स से होती, जो बढ़िया जिंदगी जी रहा है. जल्द ही राज को सोनाचंद के बेईमानियों का एहसास होता है और कुछ भटकने के बाद वह जिंदगी में सही रास्ते पर लौट आने का फैसला करता है. इस फिल्म में राज कपूर की एक्टिंग का अंदाज पूरी तरह से चार्ली चैपलिन से प्रेरित है.

अकेले या फिर बेघर
फिल्म 1950 के दशक के बॉम्बे की जिंदगी दिखाती है. आप पाते हैं कि आज भी यहां के तौर-तरीके और इंसानों के रंग-ढंग नहीं बदले हैं. निर्देशक राज कपूर ने फिल्म को जिस यथार्थवादी ढंग से बनाया, वह चकित करता है. फिल्म तकनीकी रूप से भी अपने समय से आगे नजर आती है. भीड़-भाड़ वाले बाजार या घनी आबादी वाली सड़कों पर लोग या तो अकेले हैं या फिर बेघर. श्री 420 का कैमरावर्क छोटी से छोटी दुकान, मकानों और सड़कों के हाल से लेकर समुद्र तट की चौपाटी को पूरे डीटेल्स के साथ पकड़ता है. फिल्म ब्लैक एंड व्हाइट में है, मगर आप इसकी कहानी, इसके पात्रों, दृश्यों और संगीत में इस तरह खो जाते हैं कि आपको लगता है यही जिंदगी के असली रंग हैं.

मानवीय मूल्य सबसे ऊपर
श्री 420 यथार्थवादी होने के बावजूद एक रोमांटिक-कॉमेडी और मनोरंजक फिल्म है. फिल्म अपने मनोरंजन में जरा भी अर्थहीन नहीं होती और बताती है कि पैसों के पीछे भागना या लालच एक समय के बाद नीरस हो जाता है. दौलत सपने तो दिखाती है, लेकिन जल्द ही धोखाधड़ी के खेल में उलझा कर अपने लोगों और खुशियों को छीन लेती है. फिल्म दोस्ती और प्यार जैसे मूल्यों को बड़ा बताती है. अर्थपूर्ण सिनेमा दर्शकों के जीवन में सदा के लिए बसा रहता है. यही वजह है कि श्री 420 आज भी देखी जाती है. इसे सिनेमा के जानकर टाइमलैस क्लासिक की श्रेणी में रखते हैं. फिल्म का यूं तो पूरा संगीत जबर्दस्त है, लेकिन शंकर जयकिशन का संगीतबद्ध किया, शैलेंद्र का लिखा और मुकेश का गाया गीत मेरा जूता है जापानी... उस दौर में किसी देश भक्ति गीत की तरह बन गया था. जिसमें बात यही है कि पहनावा भले विदेशी है, लेकिन दिल हर हाल में हिंदुस्तानी है. दुनिया भर में यह गीत जबर्दस्त लोकप्रिय हुआ. श्री 420 आज भी खूब देखी जाती है और आरके स्टूडियोज को इससे अच्छा खासा रेवेन्यू आता है. यह फिल्म आप यूट्यूब, एमएक्स प्लेयर और जियो सिनेमा पर फ्री देख सकते हैं.

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