IPS Physical Eligibility: जो मेल या फीमेल कैंडिडेट फिजिकल और मेडिकल क्राइटेरिया में फिट मिलते हैं उन्हें पहले दो साल में से तीन महीने लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में ट्रेनिंग दी जाती है.
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Physical Standards for IPS: देश में आईएएस आईपीएस बनने के लिए कई तरह के क्राइटेरिया हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कि एक IPS बनने के लिए कौन कौन सी चीजें जरूरी होती हैं. आईपीएस बनने के लिए कैंडिडेट्स को सबसे पहले UPSC का एग्जाम क्लियर करना होता है. उसके बाद ही बाकी क्राइटेरिया पूरा करने की बात आती है.
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस ऑफिसर) बनने के लिए मेल और फीमेल दोनों के लिए अलग अलग क्राइटेरिया है. सबसे पहले पुरुष कैंडिडेट के लिए बात करते हैं. आईपीएस बनने के लिए एक मेल कैंडिडेट की हाइट कम से कम 165 सेंटीमीटर होनी चाहिए. इसमें एसटी कैटेगरी के कैंडिडेट्स को 5 सेंटीमीटर की छूट दी जाती है. वहीं कैंडिडेट की चेस्ट कम से कम 84 सेंटीमीटर की होनी चाहिए. वहीं इसके लिए कैंडिडेट्स की आई साइट नॉर्मल होनी चाहिए. मतलब 6/6 होनी चाहिए.
फीमेल महिला अफसर की बात करें तो एक फीमेल कैंडिडेट की हाईट कम से कम 150 सेंटीमीटर होनी चाहिए. शेड्यूल्ड एरिया के कैंडिडेट्स को 5 सेंटीमीटर की छूट दी जाएगी. वहीं कैंडिडेट्स की आई साइट 6/12 या 6/9 हो तब भी चलेगा. महिला कैंडिडेट्स का जब मेडिकल टेस्ट हो तो उस समय वह प्रेगनेंट नहीं होनी चाहिए.
जो मेल या फीमेल कैंडिडेट फिजिकल और मेडिकल क्राइटेरिया में फिट मिलते हैं उन्हें पहले दो साल में से तीन महीने लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में ट्रेनिंग दी जाती है. उसके बाद जो उम्मीदवार आईपीएस ऑफिसर के लिए चुने गए हैं उन्हें हैदराबाद के नेशनल पुलिस एकेडमी में 11 महीने की एजुकेशनल ट्रेनिंग दी जाती है.
सिविल सर्विस परीक्षा के रूल 21 में साफ कहा गया है कि 'एक उम्मीदवार को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए. वह किसी भी शारीरिक दोष से मुक्त होना चाहिए, जिससे वह एक अधिकारी के रूप में अपने कर्तव्यों का आसानी से निर्वहन कर सके.'
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