UN Report: स्कूलों के बारे में ये क्या कह रही GEM की रिपोर्ट? स्टूडेंट्स के लिए बहुत खतरनाक! 14 देशों में हुआ सर्वे
Advertisement
trendingNow12368454

UN Report: स्कूलों के बारे में ये क्या कह रही GEM की रिपोर्ट? स्टूडेंट्स के लिए बहुत खतरनाक! 14 देशों में हुआ सर्वे

UNESCO GEM की एक रिपोर्ट से पता चला है कि ज्यादा टेक्नोलॉजी, विशेष रूप से स्मार्टफोन, स्टूडेंट्स के प्रदर्शन में बाधा डालता है. इसके नकारात्मक प्रभाव के बावजूद, कुछ देशों ने स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है.

UN Report: स्कूलों के बारे में ये क्या कह रही GEM की रिपोर्ट? स्टूडेंट्स के लिए बहुत खतरनाक! 14 देशों में हुआ सर्वे

Smartphones in Schools: व्यापक अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन डेटा से टेक्नोलॉजी के ज्यादा इस्तेमाल और स्टूडेंट्स के प्रदर्शन के बीच नकारात्मक संबंध का पता चलता है, फिर भी चार में से एक से भी कम देश ने स्कूलों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है. यह जानकारी ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग (जीईएम) की रिपोर्ट से मिली है. यूनाइटेड नेशन्स एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (यूनेस्को) (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) द्वारा प्रकाशित 'टेक्नोलॉजी इन एजुकेशन' रिपोर्ट ने इसका उल्लेख किया है कि मूल्यांकन डेटा से पता चला है कि मोबाइल के नजदीक होने से स्टूडेंट्स का ध्यान भटकता है और सीखने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

संयुक्त राष्ट्र की शिक्षा टीम के एक विशेषज्ञ ने बताया कि एजुकेशन में टेक्नोलॉजी पर बहुत ज्यादा ध्यान देने का खामियाजा उठाना पड़ता है और स्मार्टफोन समेत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल क्लास में केवल तभी किया जाना चाहिए जब यह सीखने के रिजल्ट का सपोर्ट करता हो. रिपोर्ट के मुताबिक, "डिजिटल टेक्नोलॉजी को अपनाने से शिक्षा और सीखने में कई बदलाव हुए हैं. वे बेसिक स्किल जिन्हें युवाओं द्वारा स्कूल में सीखने की उम्मीद की जाती है, कम से कम अमीर देशों में, उनमें नए स्किल शामिल किए गए हैं. 

कई क्लासेज में, कागज की जगह स्क्रीन ने ले ली है और पेन की जगह कीबोर्ड ने ले ली है. कोविड-19 को एक स्वाभाविक प्रयोग के रूप में देखा जा सकता है, जहां रातों-रात पूरे एजुकेशन सिस्टम के लिए सीखना ऑनलाइन हो गया." इसमें कहा गया है, "व्यापक अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन डेटा, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम (पीआईएसए) द्वारा प्रदान किया गया, अत्यधिक आईसीटी (इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी) के इस्तेमाल और स्टूडेंट्स के प्रदर्शन के बीच एक नकारात्मक संबंध का संकेत देता है. 14 देशों में पाया गया कि मोबाइल के पास होने मात्र से स्टूडेंट्स का ध्यान भटकता है और सीखने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, फिर भी चार में से एक से भी कम देश ने स्कूल में स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है." 

"हमारा स्कूल बह गया है, 8 दोस्त भी बह गए, हम साथ खेलते थे, खाते-पीते थे, पढ़ते थे"

यूनेस्को ने इस बात पर चिंता जताई है कि छात्रों द्वारा डिवाइस का एक सीमा से ज्यादा इस्तेमाल करने से शैक्षणिक प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि स्मार्टफोन और कंप्यूटर का उपयोग कक्षा और घर पर सीखने की गतिविधि को बाधित करता है. रिपोर्ट के मुताबिक, "चौदह देशों में प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक के स्टूडेंट्स को कवर करने वाले छात्रों के मोबाइल-फोन के उपयोग और शैक्षिक परिणामों के बीच संबंधों पर शोध के मेटा-विश्लेषण में एक छोटा नकारात्मक प्रभाव पाया गया, जो यूनिवर्सिटी लेवल पर बड़ा था.यह गिरावट मुख्य रूप से सीखने के घंटे के दौरान नॉन एजुकेशनल एक्टिविटीज पर लगाए गए समय और ज्यादा ध्यान भटकने से जुड़ी है." 

Success Story: कौन हैं लखनऊ के DM? IAS बनने से पहले 3 बार हुए थे UPSC में फेल

इसमें कहा गया है कि आने वाले नोटिफिकेशन या मोबाइल के पास होने मात्र से ध्यान भटकाने वाली चीज हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप छात्र का ध्यान काम से भटक सकता है. रिपोर्ट में कहा गया कि क्लास में स्मार्टफोन के इस्तेमाल से छात्र गैर-विद्यालयी गतिविधियों में लग जाते हैं, जो याद करने और समझने को प्रभावित करता है. इसमें यह भी उल्लेख किया गया, "एक स्टडी में पाया गया है कि नॉन एजुकेशनल एक्टिविटीज में लगने के बाद स्टूडेंट्स को, जो वे सीख रहे थे, उस पर फिर से फोकस करने में 20 मिनट तक का समय लग सकता है." रिपोर्ट में साफ उद्देश्यों और सिद्धांतों की मांग की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल फायदेमंद हो तथा नुकसान से बचा जा सके.

Trending news