JEE Topper Story: पापा हैं किसान और बेटा बन गया जेईई मेंस टॉपर, ऐसे की थी पढ़ाई
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JEE Topper Story: पापा हैं किसान और बेटा बन गया जेईई मेंस टॉपर, ऐसे की थी पढ़ाई

JEE Main Result 2024: नील सिर्फ पढ़ाई में ही अव्वल नहीं हैं, बल्कि वह स्टेट और नेशनल लेवल के तीरंदाज भी हैं और उन्हें यह बहुत पसंद है. 

JEE Topper Story: पापा हैं किसान और बेटा बन गया जेईई मेंस टॉपर, ऐसे की थी पढ़ाई

JEE Mains 2024 Result: जेईई मेन 2024 परीक्षा के रिजल्ट आ गए हैं और साथ ही टॉपर लिस्ट भी जारी कर दी गई है. इस साल जहां 56  स्टूडेंट्स ने 100 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं, वहीं एआईआर 1 रैंक नीलकृष्णा निर्मलकुमार को दी गई है. महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाले नीलकृष्णा की कहानी लगन, मेहनत और विषय के प्रति जुनून की कहानी है. नीलकृष्णा के पिता निर्मल कुमार एक किसान हैं और मां योगिता हाउस वाइफ हैं. नील ने अपने शुरुआती दिन और बचपन महाराष्ट्र के अकोला जिले के एक गांव बेलखेडं में बिताए.

नीलकृष्णा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई कक्षा 4 तक बेलखेड़ में की, जो कि महाराष्ट्र के अकोला जिले का एक गांव है. इसके बाद वह अपनी मिडिल और हाई स्कूल की पढ़ाई के लिए कंजलतांडा चले गए. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में जेईई मेन्स के माध्यम से एडमिशन पाने के टारगेट के साथ, नील तब कक्षा 11 और 12 के दौरान ही कोचिंग में चले गए थे.

मिली 75 फीसदी स्कॉलरशिप

पूरा परिवार खेती पर ही  निर्भर है, नील के लिए यह आसान नहीं था. हालांकि, नील उसके लिए 75 फीसदी स्कॉलरशिप पाने में सफल रहे. उन्होंने कहा, "मेरे माता-पिता ने मेरी पढ़ाई के लिए अपने बहुत से जरूरतों का त्याग किया और मुझे हमेशा मोटिवेट किया." उन्होंने आगे कहा, "यहां तक ​​कि जब मेरे टेस्ट में कम नंबर आए, तो भी उन्होंने मुझे आगे बढ़ने और खुद को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत करने का हौसला दिया" जेईई मेन्स में सफलता प्राप्त करने और परीक्षा में टॉप करने के बारे में, नील का मानना है कि यह लगन के बारे में है - जब तक आप समझ नहीं लेते तब तक हार न मानें.

सवाल पूछना जरूरी

नील का मानना है कि एक अच्छे स्टूडेंट की सबसे खास स्पेशियलिटी जिज्ञासु होना है. उनका कहना है कि "सवाल पूछने में किसी को शर्म नहीं करनी चाहिए. एक अच्छे छात्र को तब तक सवाल पूछते रहना चाहिए जब तक कि वह विषय के बारे में पूरी तरह से स्पष्ट न हो जाए. जब तक कि वह समझ न ले." जहां तक ​​उनके स्टडी प्लान की बात है, नील ने बताया कि उन्होंने फिजिक्स के साथ-साथ फिजिक्स केमिस्ट्री के लिए अपने क्लास नोट्स का इस्तेमाल किया. अकार्बनिक और कार्बनिक रसायन के लिए उन्होंने  नोट्स और प्रक्टिस पेपर दोनों का सहारा लिया. मैथ्स के लिए, प्रक्टिस ही सबसे जरूरी है. उन्होंने जेईई मेन की तैयारी के लिए रोजाना लगभग 10 से 15 घंटे सेल्फ स्टडी की. लेकिन वह सिर्फ पढ़ाई तक ही सीमित नहीं हैं.

तीरंदाजी है पसंद

नील सिर्फ पढ़ाई में ही अव्वल नहीं हैं, बल्कि वह स्टेट और नेशनल लेवल के तीरंदाज भी हैं और उन्हें यह बहुत पसंद है. उनका कहना है कि तीरंदाजी मुझे अपने लक्ष्यों पर फोकस करने के महत्व को समझने में मदद करती है." एंटरटेनमेंट के लिए, नील को फिल्में देखना बहुत पसंद है और उन्हें परीक्षा के बाद और कभी-कभी सप्ताह में एक बार भी फिल्म देखने में मजा आता है. फिल्मों में, वह साउथ इंडियन फिल्में देखना पसंद है.

करनी है फिजिक्स में रिसर्च

भविष्य की बात करें तो, नील का इंटरेस्ट फिजिक्स में रिसर्च करने में है. फिलहाल, उनका पूरा फोकस जेईई एडवांस पर है और उनका टारगेट इस परीक्षा को पास कर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, आईआईटी बॉम्बे में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में सीट हासिल करना है.

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