FDI: वित्त मंत्री ने घोषणा की कि इंश्योरेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया जाएगा. वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि पिछले 10 साल में सरकार ने टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए कई सुधारों को लागू किया है.
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FDI in Insurance Sector: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट भाषण पेश करते हुए कहा कि सरकार अगले हफ्ते एक नया आयकर विधेयक पेश करेगी. इसमें ‘पहले विश्वास करो, बाद में जांच करो’ की अवधारणा को आगे बढ़ाया जाएगा. एक अन्य प्रमुख कदम के तहत वित्त मंत्री ने घोषणा की कि इंश्योरेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया जाएगा. वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि पिछले 10 साल में सरकार ने टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए कई सुधारों को लागू किया है, जिसमें ‘फेसलेस’ मूल्यांकन भी शामिल है.
74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जाएगी
केंद्रीय बजट 2024 पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि व्यापक सुधारों के हिस्से के रूप में इंश्योरेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जाएगी. यह केवल उन कंपनियों के लिए लागू है जो पूरे प्रीमियम का निवेश करती हैं. यह प्रस्ताव अगले हफ्ते पेश होने वाले नए इनकम टैक्स विधेयक का हिस्सा होगा, जिसमें अप्रत्यक्ष कर सुधारों और अन्य वित्तीय क्षेत्र में बदलावों की रूपरेखा भी होगी. इस सेक्टर में मौजूदा समय में 24 लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, 26 जनरल इंश्योरेंस, छह स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ता और एक पुनर्बीमाकर्ता - सामान्य बीमा निगम शामिल हैं.
100 प्रतिशत एफडीआई करने के कदम को सराहा
पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के सीबीओ-जनरल इंश्योरेंस अमित छाबड़ा ने इंश्योरेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई करने के सरकार के कदम की सराहना की. उन्होंने कहा कि बजट 2025 में पब्लिक हेल्थ सर्विस को बेहतर बनाने पर खास ध्यान दिया गया है. ‘हील इन इंडिया’ और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्राइवेट सेक्टर की साझेदारी और वीजा प्रोसेस को आसान बनाया गया है, जिससे भारत को बेहतर और किफायती स्वास्थ्य सेवाओं का प्रमुख केंद्र बनाया जा सके.
सीतारमण ने सरकार द्वारा टैक्सपेयर के लिए ‘चार्टर’ लाने, ‘रिटर्न’ प्रक्रिया में तेजी लाने और करीब 99 प्रतिशत आयकर ‘रिटर्न’ सेल्फ असेसमेंट के आधार पर होने का भी जिक्र किया. सरकार ‘पहले विश्वास करो, बाद में जांच करो’ की अवधारणा को आगे बढ़ाने के लिए अगले हफ्ते संसद में नया आयकर विधेयक पेश करेगी. उम्मीद है कि इस विधेयक से वर्तमान आयकर (आई-टी) कानून सरल हो जाएगा तथा इसे समझना आसान हो जाएगा. आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा के लिए सीतारमण द्वारा बजट घोषणा के अनुसरण में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने समीक्षा की देखरेख करने और अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट व समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया था.
इससे विवाद, मुकदमेबाजी कम होगी और करदाताओं को अधिक कर निश्चितता मिलेगी. इसके अलावा, आयकर अधिनियम के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए 22 विशेष उप-समितियां स्थापित की गई हैं. सीतारमण ने शनिवार को अपने बजट भाषण में यह भी कहा कि सरकार उच्च मूल्य वाले जल्दी खराब होने वाले बागवानी उत्पादों के लिए ‘एयर कार्गो वेयरहाउसिंग’ के उन्नयन की सुविधा प्रदान करेगी और साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक’ की सेवाओं को विस्तारित करने के उपाय भी शुरू करेगी. (इनपुट भाषा से भी)