ई-श्रम पोर्टल पर रज‍िस्‍टर्ड वर्कर 30 करोड़ के पार, सरकारी स्कीमों का मिल रहा फायदा
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ई-श्रम पोर्टल पर रज‍िस्‍टर्ड वर्कर 30 करोड़ के पार, सरकारी स्कीमों का मिल रहा फायदा

e Shram Portal: ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को सेल्फ-डिक्लेरेशन के आधार पर यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) प्रदान करके उनका पंजीकरण और समर्थन करना है. 

ई-श्रम पोर्टल पर रज‍िस्‍टर्ड वर्कर 30 करोड़ के पार, सरकारी स्कीमों का मिल रहा फायदा

e Shram Portal Registration: केंद्र सरकार की ओर से चलाए जाने वाले ई-श्रम पोर्टल पर अनआर्गेनाइज्‍ड सेक्‍टर (unorganized sector) के 30.58 करोड़ वर्कर रज‍िस्‍टर्ड हैं. सरकार की तरफ से संसद में दी गई जानकारी में बताया गया क‍ि इन वर्कर को सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का फायदा मिल रहा है. लेबर एंड एम्‍पलायमेंट स्‍टेट म‍िन‍िस्‍टर शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि ई-श्रम पोर्टल पर 2024 तक 1.23 करोड़ से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण हो चुका है और प्रतिदिन औसतन 33,700 पंजीकरण हो रहे हैं.

केंद्रीय मंत्रालयों की 12 योजनाएं ई-श्रम पोर्टल के साथ इंटीग्रेट

लेबर एंड एम्‍पलायमेंट म‍िन‍िस्‍ट्री ने आधार से जुड़े अनआर्गेनाइज्‍ड लेबर ( NDUW) का एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए 26 अगस्त, 2021 को ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया. ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को सेल्फ-डिक्लेरेशन के आधार पर यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) प्रदान करके उनका पंजीकरण और समर्थन करना है. मौजूदा समय में व‍िभ‍िन्‍न केंद्रीय मंत्रालयों की 12 योजनाएं ई-श्रम पोर्टल के साथ इंटीग्रेट हैं और जो अब 22 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है.

60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपये की मंथली पेंशन
ई-श्रम पोर्टल को राष्ट्रीय कैरियर सेवा (NCS) पोर्टल के साथ इंटीग्रेट किया गया है. एक असंगठित श्रमिक अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) का यूज करके एनसीएस पर पंजीकरण कर सकता है और उपयुक्त नौकरी के अवसरों की खोज कर सकता है. ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों को एनसीएस पर निर्बाध रूप से पंजीकरण करने के लिए एक लिंक भी प्रदान किया गया है. ई-श्रम को प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) के साथ एकीकृत किया गया है, जो 18-40 वर्ष की आयु के असंगठित श्रमिकों के लिए एक पेंशन योजना है. यह 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद 3,000 रुपये की मासिक पेंशन प्रदान करता है.

यूएएन का उपयोग करके कोई भी असंगठित श्रमिक आसानी से पीएम-एसवाईएम के तहत नामांकन कर सकता है. केंद्र इस योजना के तहत 50 प्रतिशत योगदान देता है जबकि बाकी का योगदान श्रमिक द्वारा किया जाता है. प्रवासी श्रमिकों के पारिवारिक विवरण एकत्र करने के लिए ई-श्रम में एक प्रावधान जोड़ा गया है. ई-श्रम में निर्माण श्रमिकों के डेटा को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा करने का भी प्रावधान है, ताकि संबंधित भवन और अन्य निर्माण श्रमिक (BODW) बोर्डों में उनके पंजीकरण की सुविधा मिल सके.

ई-श्रम को मायस्कीम पोर्टल के साथ भी एकीकृत किया गया है जो एक नेशनल प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं की एक ही स्थान पर खोज और जानकारी प्रदान करना है. यह नागरिक की पात्रता के आधार पर योजना की जानकारी खोजने के लिए एक नया, टेक्नोलॉजी-आधारित समाधान प्रदान करता है. (IANS) 

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