Day Time Running Light: चाहे दिन हो या रात ये DRL हर वक्त जलती रहती है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब हेडलाइट मौजूद है तो DRL का आखिर क्या काम है?
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Day Time Running Light: कारों में आजकल आपको हेडलाइट के ऊपर DRL यानी डे टाइम रनिंग लाइट्स देखने को मिल जाती हैं. ये असल में एक व्हाइट लाइट स्ट्रिप होती है, जो ऑटोमैटिकली कंट्रोल होती है और इसे आप ऑन या ऑफ नहीं कर सकते हैं. गाड़ी स्टार्ट होते ही ये अपने आप ऑन हो जाती है. चाहे दिन हो या रात ये DRL हर वक्त जलती रहती है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब हेडलाइट मौजूद है तो DRL का आखिर क्या काम है? अगर आपके मन में भी ये सवाल चल रहा है तो आज हम आपको DRL को गाड़ियों में ऑफर करने की वजह बताने जा रहे हैं.
दिन में विजिबिलिटी: DRL का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये कार को दिन के उजाले में भी अन्य वाहनों के लिए विजिबल बनाती हैं. इससे खासकर धुंध या बारिश वाले मौसम में दुर्घटनाओं की संभावना कम होती है.
सेफ्टी में इजाफा: DRL होने से पैदल यात्री और साइकिल चालक भी कार को आसानी से देख पाते हैं और इससे टक्कर की संभावना कम हो जाती है.
एनर्जी की बचत: आधुनिक DRL आमतौर पर LED तकनीक पर आधारित होती हैं, जो बहुत कम बिजली खपत करती हैं. इससे कार का माइलेज भी थोड़ा बढ़ सकता है.
कार कंपनियां क्यों ऑफर कर रही हैं DRL ?
सरकारी नियम: कई देशों में DRL को अनिवार्य कर दिया गया है। भारत में भी धीरे-धीरे इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं.
ग्राहकों की मांग: ग्राहक अब सुरक्षा सुविधाओं को लेकर अधिक जागरूक हो गए हैं और DRL को एक महत्वपूर्ण सुविधा मानते हैं.
कॉम्पिटीशन: हर कंपनी अपनी कारों में नवीनतम सुविधाएं देना चाहती है और DRL इसी का एक हिस्सा है.
ये है असल जरूरत
DRL कार की सुरक्षा के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण सुविधा है. यह न केवल दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करती है बल्कि कार को भी ज्यादा अट्रैक्टिव बनाती है. इसलिए, अगर आप एक नई कार खरीदने की सोच रहे हैं तो DRL वाली कार को प्राथमिकता देने पर विचार कर सकते हैं.