Kalash Rules in Temple: मंदिर में जलाभिषेक के लिए लोटा घर से भरकर ले जाना चाहिए या खाली? जान लीजिए क्या कहते हैं धर्म ग्रंथ
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Kalash Rules in Temple: मंदिर में जलाभिषेक के लिए लोटा घर से भरकर ले जाना चाहिए या खाली? जान लीजिए क्या कहते हैं धर्म ग्रंथ

Puja Rules in Temple: मंदिर में सुबह जलाभिषेक के लिए जाते समय काफी लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि कलश भरकर ले जाना ठीक होता है या खाली. आज हम इस मुद्दे पर सही जानकारी देकर आपका ये असमंजस दूर कर देते हैं. 

Kalash Rules in Temple: मंदिर में जलाभिषेक के लिए लोटा घर से भरकर ले जाना चाहिए या खाली? जान लीजिए क्या कहते हैं धर्म ग्रंथ

Carrying Kalash rule in Temple: सनातन धर्म की संस्कृति में सुबह-सुबह मंदिर में जल चढ़ाने से सुबह की शुरुआत को शुभ माना जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को खूब आशीर्वाद देते हैं. लेकिन कई लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि कलश (Kalash) में घर से पानी ले जाना शुभ होता है या फिर मंदिर में जाकर उसमें जल भरना. आपकी इस दुविधा को आज हम दूर कर देते हैं. आइए जानते हैं कि इस बारे में भारतीय धर्म शास्त्र क्या कहते हैं. 

मंदिर में खाली कलश लेकर न जाएं

हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक जब भी आप मंदिर में जल चढ़ाने जाएं तो कलश या लोटा (Kalash) कभी भी खाली नहीं होना चाहिए. उसमें हमेशा घर से ही जल भरकर ले जाना चाहिए. अगर आप खाली लोटा लेकर मंदिर जाते हैं तो इससे आपके परिवार की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है. साथ ही जातक की ओर से की गई पूजा-अर्चना का भी कोई फल नहीं मिलता है. 

निष्फल हो जाती है पूजा अर्चना

धर्माचार्यों के मुताबिक कई श्रद्धालु सोचते हैं कि घर से जल भरकर ले जाते समय छलक जाएगा. इससे बचने के लिए वे कलश (Kalash) को खाली लेकर मंदिर पहुंच जाते हैं और फिर वहां से उसमें जल भरकर देवी-देवताओं पर अर्पित करते हैं. विधान के मुताबिक यह पूरी तरह गलत तरीका है. इससे श्रद्धालु की सारी भक्ति और पूजा का फल बेकार हो जाता है. 

कलश को मंदिर से खाली न लाएं

सनातन धर्म के नियमों के मुताबिक कलश (Kalash) को न तो घर से मंदिर तक खाली ले जाना चाहिए और न ही कभी खाली वापस लाना चाहिए. ये दोनों ही तरीके पूरी तरह गलत है. इसके बजाय आप घर से कलश में जल भरकर ले जाइए और फिर वहां पर देवी-देवताओं पर अर्पण के साथ ही कुछ जल को बचा भी लीजिए. मंदिर में दर्शनों के बाद आप उस बचे जल को वापस घर ले आइए और हरेक कमरे में उसका छिड़काव कीजिए. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और घर में धन-वैभव बढ़ता चला जाता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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