Buddhadeb Bhattacharjee died: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन हो गया है. 80 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली, रिपोर्ट्स के मुताबिक वह काफी वक्त से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था.
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Buddhadeb Bhattacharjee died: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का गुरुवार को उनके घर पर निधन हो गया. वह 80 वर्ष के थे. पूर्व मुख्यमंत्री कई सालों से सांस संबंधी गंभीर समस्याओं से पीड़ित थे. कोलकाता के बल्लीगंज स्थित अपने आवास पर सुबह 8.20 बजे उनका निधन हुआ है. उनके परिवार में पत्नी मीरा और बेटी सुचेतना हैं. उनकी मौत की पुष्टि कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (M) के स्टेट सेक्रेटरी मोहम्मद सलीम ने की है.
वेस्ट बंगाल की सीएम ममत बनर्जी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा,"पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के आकस्मिक निधन से मैं दुखी हूँ. मैं उन्हें दशकों से जानता था और पिछले कुछ सालों में जब वे बीमार थे, तो मैं कई बार उनसे मिलने उनके घर गई थी. मैं इस समय बहुत दुखी हूँ. इस दुख की घड़ी में मीरादी और सुचेतन के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ. सभी सीपीआई (एम) पार्टी सदस्यों, समर्थकों और उनके सभी अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ."
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुद्धदेव भट्टाचार्य उम्र से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ सांस की समस्या से भी पीड़ित थे. उन्हें पिछले कुछ दिनों में कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आइये डालते हैं उनके राजनीतिक करियर पर एक नजर
- वह 2000 से 2011 तक बंगाल के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने पूर्व सीपीआई(एम) नेता ज्योति बसु का स्थान लिया था.
- बुद्धदेव भट्टाचार्य पूर्वी राज्य के अंतिम वामपंथी मुख्यमंत्री थे. वे 2011 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से हार गए थे, जिसके बाद बंगाल में वामपंथियों का 34 साल का शासन खत्म हो गया था.
- उनका कार्यकाल ममता बनर्जी के नेतृत्व में उद्योगों के लिए भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर प्रदर्शनों से भरा रहा.
- उन्होंने 2015 में सीपीआई(एम) पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति से इस्तीफा दे दिया, और तीन साल बाद पार्टी के राज्य सचिवालय की सदस्यता भी छोड़ दी.
- पिछले कुछ सालों में बुद्धदेव भट्टाचार्य ज्यादातर सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहे और दक्षिण कोलकाता के पाम एवेन्यू में अपने दो कमरों वाले सरकारी फ्लैट में ही रहे.
- उनकी आखिरी सार्वजनिक उपस्थिति 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले कोलकाता में थी, जब उन्होंने ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ ब्रिगेड परेड ग्राउंड में वामपंथियों की रैली में अघोषित रूप से पहुंचकर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को चौंका दिया था.