एआईएमआईएम के इन चारों विधायकों के राजद में शामिल होने के बाद बिहार विधानसभा में अब राजद के विधायकों की संख्या 80 हो गई है.
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पटनाः ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को बिहार में जोरो का झटका लगा है. यहां पार्टी के पांच विधायकों में से चार विधायक ने बुधवार को राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम लिया है. इससे जहां ओवैसी के हैदराबाद से बाहर अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने के सपने चकनाचूर हो गए हैं, वहीं एआईएमआईएम के विधायकों के इस तरह पाला बदलने से बिहार विधानसभा में राजद सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.
Out of the five Bihar AIMIM MLAs, four have joined our party today. We welcome them. Now we are the largest party in the Bihar Legislative Assembly: RJD leader Tejashwi Yadav in Patna pic.twitter.com/ukULi5WfYX
— ANI (@ANI) June 29, 2022
विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी राजद
राजद में एआईएमआईएम के विधायक मोहम्मद इज़हर आरफ़ी, शाहनवाज़ आलम, रुकानुद्दीन अहमद और अंज़ार नईमी शामिल हुए हैं. एआईएमआईएम के इन चारों विधायकों के राजद में शामिल हो जाने पर 243 सदस्यीय राज्य विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल (राजद) के विधायकों की तादाद बढ़कर अब 80 हो गई है, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद(यू) के साथ राज्य में सत्ता साझा कर रही भाजपा के विधायकों से तीन ज्यादा है. हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के अब विधानसभा में सिर्फ एक विधायक, अख्तरुल ईमान, रह गये हैं. ईमान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं.
राजद नेता ने स्पीकर को दी जानकारी
राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव एआईएमआईएम के इन चार विधायकों को एक कार से खुद विधानसभा ले गए और सदन के स्पीकर विजय कुमार सिन्हा से मुलाकात की. तेजस्वी ने सिन्हा को चारों विधायकों के असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी (एआईएमआईएम) को छोड़ देने और राजद में उनके विलय के औपचारिक फैसले की जानकारी दी. उल्लेखनीय है कि साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने बिहार के सीमांचल इलाके से पांच सीटें जीती थी. जानकारों की राय थी की ओवैसी की पार्टी और उनके उम्मीदवारों की वजह से राजद को कई सीटें गंवानी पड़ी थी, वरना राजद चुनाव के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती और हो सकता है कि वह सरकार बनाने की स्थिति में भी हो सकती थी.
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