इमरान खान को पाक सेना चीफ ने किया एक्सपोज, कहा- नहीं मिली है कोई चिट्ठी
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इमरान खान को पाक सेना चीफ ने किया एक्सपोज, कहा- नहीं मिली है कोई चिट्ठी

Pakistan News: पूर्व प्रधानमंत्री के वकील ने बताया कि खान ने एक दिन पहले जनरल मुनीर को तीसरा खुला पत्र लिखा है. वह साल 2023 से विभिन्न आरोपों में जेल में बंद हैं. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

इमरान खान को पाक सेना चीफ ने किया एक्सपोज, कहा- नहीं मिली है कोई चिट्ठी

Pakistan News: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान से कोई खत मिलने से बृहस्पतिवार को इनकार किया. ‘जियो न्यूज’ की खबर के मुताबिक, मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में खान के 'खुले पत्रों' का जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि अगर यह खत उन्हें मिल भी जाए तो भी वह इसे नहीं पढ़ेंगे.

इमरान खान का नहीं मिला है कोई खत
जनरल मुनीर ने कहा कि अगर उन्हें ऐसा कोई चिट्ठी मिलेगी तो वह उसे प्रधानमंत्री तक पहुंचा देंगे. जनरल मुनीर ने कहा कि देश संतोषजनक ढंग से तरक्की कर रहा है और पाकिस्तान विकास के रास्ते पर है. सेना प्रमुख ने कहा, "पाकिस्तान आगे बढ़ रहा है और पाकिस्तान को आगे बढ़ना है." 

पूर्व पीएम ने किया था ये बड़ा दावा
पूर्व प्रधानमंत्री के वकील ने बताया कि खान ने एक दिन पहले जनरल मुनीर को तीसरा खुला पत्र लिखा है. वह साल 2023 से विभिन्न आरोपों में जेल में बंद हैं. तीसरे पत्र में, जेल में बंद पीटीआई संस्थापक ने चुनाव में धांधली के आरोपों को दोहराया और कहा कि “धन शोधन करने वालों” को चुनावों में हेरफेर कर सत्ता में लाया गया है. उनके वकील फैसल चौधरी ने कहा था, "पीटीआई संस्थापक ने सेना प्रमुख को लिखे अपने पत्र में चुनाव धोखाधड़ी के जरिए बहुमत की जगह अल्पमत को वरीयता देने का मुद्दा उठाया है."

बातचीत का रास्ता खत्म.
इससे पहले नेशनल असेंबली में पीटीआई के नेता अयूब ने को एक चैनल से बातचीत में कहा था, "बातचीत का अध्याय अब बंद हो चुका है. अयूब ने कहा कि राजनीतिक संवाद केवल इच्छाओं पर आधारित नहीं होता, बल्कि इसके लिए दृढ़ प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है. जिसे दिखाने में सरकार विफल रही है.

बातचीत के प्रति गठबंधन सरकार के रवैये की निंदा करते हुए पीटीआई के वरिष्ठ नेता ने कहा था कि उनकी पार्टी की समिति ने सद्भावना के साथ चर्चा शुरू की थी. हालांकि, दूसरे पक्ष ने न तो सद्भावना दिखाई और न ही इरादा, जिससे गतिरोध पैदा हुआ और अब बातचीत का रास्ता खत्म हो गया है.

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